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Election Commission on Bihar Elections 2025 Bihar Assembly Elections Date
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बिहार विधानसभा चुनाव पर चुनाव आयोग का बड़ा एलान | Election Commission on Bihar Elections 2025
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Mon, 06 Oct 2025 10:40 AM IST
भोजपुरी में बिहार के मतदाताओं का अभिवादन करते हुए देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में कहा कि जिस तरह हम अपने पर्व-त्योहारों और विशेष रूप से लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाते हैं, उसी तरह से बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान को उत्साह के साथ मनाएं। उन्होंने मतदान की तारीखों पर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन यह जरूर कहा कि 22 नवंबर से पहले चुनाव की पूरी प्रक्रिया संपन्न करा ली जाएगी। जो प्रत्याशी खड़े हों, वह पोलिंग एजेंट्स जरूर दें। मॉक पोल अपनी आंखों के सामने जरूर देखने कहें। मतदान के खत्म होते समय पोलिंग एजेंट्स फॉर्म 17सी भी ले लें। जिन लोगों को नगर निगम ने मकान का कोई नंबर तय नहीं किया है, वहां एक ही मकान में कई लोगों के नंबर मतदाता सूची में दर्ज होने की आशंका रहती है। क्योंकि, कुछ चिह्नित करने के लिए बीएलओ यह करते हैं। चुनाव के पहले पुनरीक्षण हर बार होता है, इसलिए उसे चुनाव के बाद कराने की मांग का कोई अर्थ नहीं है। बिहार के एसआईआर में दावा-आपत्ति का पूरा अवसर दिया गया। इस प्रक्रिया की देखरेख के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने बूथ लेवल एजेंट्स दिए थे। एसआईआर में अब भी समय है कि किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल को ऐसा लगता है कि योग्य मतदाता छूट गया है या अयोग्य मतदाता का नाम सूची में है तो वह दावा-आपत्ति कर सकता है। उनके दावे-आपत्ति का निपटारा ईआरओ स्तर से हो जाएगा।
किन्हें मिलेगा वोटर कार्ड, आधार कार्ड पर क्या बोले CEC?
जिनके वोटर कार्ड के डाटा में कोई परिवर्तन होगा, उन्हें 15 दिनों के अंदर ईपिक मिल जाएगा। वोटर की जांच किस तरह करनी है, उसी के तहत जांच की गई है। जिन लोगों ने मतदाता सूची के लिए नामांकन भरा होगा, वह आधार देने के लिए बाध्य नहीं हैं। चुनाव आयोग, आधार अथॉरिटी के नियम और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत आधार न जन्मतिथि और न ही नागरिकता का प्रमाणपत्र है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया तो हमने पुनरीक्षण में आधार कार्ड लेने की व्यवस्था दी। संविधान के तहत, मतदाता बनने के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी है। वोटर जहां रहता है, उसके आसपास के बूथ का मतदाता हो सकता है। गैर-भारतीय होने के आधार पर कितने नाम कटे, इसपर मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि सभी चिह्नित अयोग्य मतदाताओं का नाम हटाया गया है। इसकी सूची जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के पास भी है और राजनीतिक दलों के पास भी है।
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