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झज्जर: वाल्मीकि चौक पर अमावस्या पर लगाया भंडारा, राहगीरों को बांटा सब्जी पुड़ी व खीर का प्रसाद
सीता राम गेट स्थित महर्षि वाल्मीकि चौक पर अमावस्या के पावन अवसर पर देसी घी का भंडारा आयोजित किया गया। इसमें सैकड़ों की संख्या में आसपास के लोगों और राहगीरों ने सब्जी पुड़ी व खीर का प्रसाद ग्रहण किया। पंडित प्रथम शर्मा ने कहा कि हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना जाता है। अमावस्या का महत्व पितरों की शांति और पुण्य से जुड़ा है। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है। शनिश्चरी अमावस्या के दिन पितरों के साथ-साथ शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से पितृ कृपा प्राप्त होती है और शनि दोष से मुक्ति मिलती है। सनातन धर्म में वर्षों से दान की परंपरा चली आ रही है। शनि अमावस्या पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ अवसर पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है। इस दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन दान-पुण्य करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं। हमें उनसे सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए।
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