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State level function organised in Sonipat to mark 150 years of national song Vande Mataram
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सोनीपत में राष्ट्र गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर शुक्रवार को सेक्टर-15 स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में भव्य राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में विकास एवं पंचायती राज मंत्री कृष्ण लाल पंवार व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
विद्यार्थियों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखकर विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने मंच संचालक से माइक मांगा तभी बिजली गुल हो गई। दो मिनट बाद बिजली आपूर्ति बहाल हुई तब कैबिनेट मंत्री ने शनिवार को जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में सरकारी अवकाश की घोषणा की।
इससे पहले कार्यक्रम के दौरान स्कूल परिसर वंदे मातरम् के जयघोष के साथ देशभक्ति के नारों से गूंज उठा। इस दौरान वंदे मातरम् गीत के इतिहास पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की तरफ से प्रदर्शनी लगाई गई, जिसके माध्यम से बच्चों ने राष्ट्रीय गीत के इतिहास के बारे में जानकारी ली।
विकास एवं पंचायती राज मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि यह हमारी मातृभूमि की आत्मा है जो हमें स्वतंत्रता, एकता और त्याग की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा कि बंकिम चंद्र चटर्जी ने वर्ष 1875 में इस गीत की रचना उस समय की थी जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् का प्रथम प्रकाशन उपन्यास आनंदमठ में हुआ था, जिसने स्वतंत्रता संग्राम की चेतना प्रज्वलित की। यह गीत सुनकर उस समय के युवा क्रांतिकारी जोश से भर उठे थे और यही गीत स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा बना।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने कहा कि राष्ट्र गीत वंदे मातरम् केवल देशभक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की आत्मा का स्वर है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् ने स्वतंत्रता आंदोलन में वह चेतना पैदा की जिससे भारत अंग्रेजों की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सका। उन्होंने कहा कि वर्ष 1905 में बंगाल विभाजन के समय वंदे मातरम् आंदोलन का नारा बन गया था और इस गीत की गूंज ने अंग्रेजी सत्ता की नींव हिला दी थी। 26 नवंबर तक देशभर में सभी जगहों पर वंदे मातरम् कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सोनीपत से विधायक निखिल मदान ने कहा कि वंदे मातरम् वह राष्ट्रगीत है जिसने लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को आजादी की लड़ाई में कूदने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि इस गीत को स्वदेशी आंदोलन में विशेष पहचान मिली और यही गीत बाद में भारत की एकता का पर्याय बन गया। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में बच्चे प्रतिदिन इस गीत का गायन करें और अपने घरों में भी माता-पिता के साथ इसका उच्चारण करें।
इस दौरान विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए, जिससे परिसर देश भक्ति के रंग में रंग गया। जनसमूह ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का अभिभाषण भी सुना। अंत में लोगों ने एक स्वर में वंदे मातरम् का सामूहिक गायन किया। सभागार में देशभक्ति का अद्भुत माहौल देखने को मिला।
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