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VIDEO : यमुनानगर में कागजों में सुंदरीकरण, धरातल पर गड्ढे
यमुनानगर के जिमखाना क्लब, वर्कशॉप व गोबिंदपुरी रोड के सुंदरीकरण की योजना है, पर दो साल में पूरी तरह कागजों से धरातल पर नहीं उतर पाई है। हालांकि जिमखाना क्लब व गोबिंदपुरी रोड पर सुंदरीकरण के कुछ काम जरूर लगे हैं, पर वह भी अधर में लटके हैं। तीनों में से वर्कशॉप व गोबिंदपुरी रोड पर सैकड़ों गड्ढे हो गए हैं। दोनों रोड वीआईपी क्षेत्र का हिस्सा होने के बावजूद उनकी सुध नहीं ली जा रही है। जबकि दोनों मार्गों पर रोज 50 हजार वाहन चालक गड्ढों के झटके झेल रहे हैं।
बता दें कि नगर निगम की ओर से दिव्य नगर योजना के तहत 7.19 करोड़ रुपये से तीनों मुख्य मार्गाें का सुंदरीकरण किया जाना है। इनमें 2.25 करोड़ रुपये की लागत से जिमखाना क्लब रोड, 3.78 करोड़ रुपये से शहीद भगत सिंह चौक से महाराणा प्रताप चौक तक वर्कशॉप रोड व 81 लाख रुपये से मधु चौक से कन्हैया साहिब चौक तक गोबिंदपुरी रोड को सुंदर बनाया जाना है। इस योजना का दो साल से नगर निगम अफसर खूब प्रचार कर रहे हैं, पर धरातल पर उक्त सड़कों की हालत सुधरने के बजाय बिगड़ रहे हैं। खासकर वर्कशॉप व गोबिंदपुरी रोड पर सैकड़ों गड्ढे हो गए हैं। गोबिंदपुरी रोड पर मशु चौक से कन्हैया साहिब चौक के बीच नेहरू पाक मोड़ से आईसीआईसीआई बैंक शाखा तक दोनों ओर कई गहरे गड्ढों पर वाहन चालक झटके झेल रहे है।
इसी तरह वर्कशॉप रोड पर सिटी थाना से पेपर मिल गेट तक बने कई गड्ढे परेशानी का सबब बन रहे हैं। दोनों रोड से रोज आने-जाने वाले करीब 50 हजार वाहन चालक गड्ढों के झटके झेलने पर मजबूर हैं। सिटी बस में सवार यात्रियों और स्कूल-कॉलेज में विद्यार्थियों को भी परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। आमजन के साथ इन मार्गों से वाहनों से आते-जाते समय मेयर, विधायक, सरकारी विभागों के अफसरों व उद्योगपतियों से लेकर अन्य वीआईपी को भी गड्ढों की दिक्कतों से दो-चार होना पड़ता है।
गोबिंदपुरी व वर्कशॉप रोड पर काफी गड्ढों में व उनके आसपास सड़क की बजरी बिखरकर फैल गई है, वहीं कई गड्ढों पर पैचवर्क के बजाय रेत-मिट्टी भर दी गई है। गड्ढों में भरी रेत-मिट्टी वाहनों की आवाजाही के साथ गड्ढों से निकल कर सड़क पर फैल रही है। जिन दो सड़कों के सुंदरीकरण की दो साल से बातें हो रही हैं, उनका यह हाल देख शहरवासी व जनप्रतिनिधि नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
निवर्तमान पार्षद रामआसरा भारद्वाज व विनोद मरवाह ने कहा कि सड़कों पर डेकोरेटिव लाइट लगने, फुटपाथ बनाने सहित ग्रीनरी जैसे काम हो रहे हैं, पर सड़कों पर मौजूद गड्ढ़ों को नजरअंदाज किया जा रहा है। सुंदरीकरण से पहले सड़कों के गड्ढे के खत्म किए जाने जरूरी है। क्योंकि दोनों मार्ग से रोज औसत 50 हजार वाहन चालक गड्ढों की परेशानी झेल रहे हैं। गड्ढों के कारण वाहन चालकों के गिरने और चोटिल होने जैसे हादसे की आशंका है। ऐसे में किसी की जान जाती है तो नगर निगम अफसर जिम्मेदार होंगे, क्योंकि सब कुछ जगजाहिर होने के बावजूद शहर के वीआईपी हिस्से में लगती सड़कों के गड्ढों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अधिकारी के अनुसार
सड़कों पर गड्ढे के लिए मरम्मत कार्य कराया जाएगा। इसके लिए इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों को दिशा निर्देश देंगे। - आयुष सिन्हा, आयुक्त, नगर निगम।
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