{"_id":"684c146fffa5bca61f02e7ad","slug":"video-press-conference-of-dig-cyber-crime-mohit-chawla-in-nahan-2025-06-13","type":"video","status":"publish","title_hn":"Sirmaur: 'प्रति व्यक्ति की दर से मोबाइल व इंटरनेट प्रयोग में हिमाचल देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य'","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sirmaur: 'प्रति व्यक्ति की दर से मोबाइल व इंटरनेट प्रयोग में हिमाचल देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य'
प्रति व्यक्ति की दर से मोबाइल व इंटरनेट प्रयोग करने के मामले में हिमाचल देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। ऐसे में जहां ज्यादा इंटरनेट व मोबाइल फोन का प्रयोग होता है वहां साइबर ठगों की संख्या भी बढ़ जाती है। इससे केवल जागरूकता ही बचा सकती है। यह विचार नाहन में आयोजित पत्रकारवार्ता में डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने रखे। चावला ने कहा कि किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर तुरंत 1930 नंबर पर तुरंत कॉल करें। जितनी जल्दी पीडि़त इस नंबर पर कॉल करेगा उतनी ही जल्दी ठगी हुआ पैसा वापिस मिलने की संभावना रहती है। इस मामले में जितनी देरी होगी उतनी ही मुश्किलें बढ़ती हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हर पुलिस थाना को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) से जोड़ा जा रहा है। अब जैसे ही पीडि़त थाना में साइबर ठगी की शिकायत करेगा उसकी जानकारी एनसीआरपी को भी जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में वर्ष 2024 में 200 के करीब मामले साइबर ठगी के दर्ज किए गए। इस दौरान 114 करोड़ की ठगी हिमाचल में रिकार्ड की गई। यह आंकड़ा बढ़ भी रहा है। हर 15 मिनट में एक शिकायत इस तरह की दर्ज प्रदेश में हो रही है। उन्होंने जानकारी दी कि हिमाचल में ठगी के बाद रिकवरी रेट 3.12 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 20 लाख से अधिक की ठगी के मामले साइबर पुलिस स्टेशन सीआईडी में दर्ज होंगे जबकि इससे नीचे के मामले संबंधित पुलिस स्टेशन में दर्ज होंगे। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी के मामलों में प्रदेश के शिमला, मंडी व कांगड़ा जिलों सहित सुंदरनगर, शिमला, कांगड़ा, मनाली, बद्दी, नाहन आदि शहरों को भी चिन्हित किया गया है। यहां मामले सामने आए हैं, ऐसे में लोगों को संभल कर मोबाइल फोन व इंटरनेट प्रयोग करने की जरूरत है। चावला ने कहा कि क्राइम ने अपना परिपेक्ष बदला है, कनवेशनल क्राइम शिफ्ट होकर साइबर स्पेस में चला गया है। ऐसे में अब अधिक सतर्क होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी को लेकर बनाए सेंटर 1930 पर 2022 में 247 कॉल थी जो वर्ष 2024 में बढ़कर 550 के करीब पहुंच गया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के बाद डिजीटल सेवाएं बढ़ी हैं, ऐसे में ठगी के तरीके भी आए दिन नए-नए सामने आ रहे हैं। डीआईजी ने बताया कि जिला सिरमौर में डीएसपी मुख्यालय रमाकांत ठाकुर को साइबर नोड़ल ऑफिसर की जिम्मेवारी दी गई है। ऐसे में अब जिला सिरमौर में साइबर ठगी के मामलों को सुलझाने में ओर अधिक गति मिलेगी। उन्होंने जिला सिरमौर में साइबर ठगी की रिकवरी पर पुलिस कप्तान सहित टीम की पीठ थपथपाई। प्रदेश में होने वाली ठगी में से 6 प्रतिशत ठगी सिरमौर में हो रही है लेकिन यहां रिकवरी रेट 17.03 प्रतिशत है। उन्होंने जानकारी दी कि सिरमौर जिला के सभी 11 पुलिस थानों एनसीआरबी से जोड़ दिया गया है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।