करौली तहसील के गैरई, काशीपुरा और सेवरदा गांवों में चल रहे 15 दिवसीय विकसित कृषि संकल्प अभियान का गुरुवार को सफल समापन हो गया। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकें और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना रहा।
वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने दी तकनीकी जानकारी
कृषि विज्ञान केंद्र, हिंडौन की वैज्ञानिक डॉ. प्रियांशु त्रिपाठी ने किसानों को फसल चक्र, बीज व भूमि उपचार, खरपतवार नियंत्रण और कीट प्रबंधन जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने जैविक सब्जी उत्पादन और वैल्यू एडिशन के ज़रिए अधिक लाभ कमाने के तरीकों को भी साझा किया।
प्राकृतिक खेती और मौसम आधारित तकनीकों पर जोर
कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. मुकेश कुमार नायक ने प्राकृतिक खेती और मौसम आधारित कृषि प्रणाली के लाभों की जानकारी दी। इफको प्रतिनिधि संदीप कुमार ने किसानों को नैनो डीएपी, नैनो यूरिया और सागरीका उत्पादों के उपयोग व फायदे समझाए।
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सरकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
कृषि अधिकारी गिरिराज मीणा ने पाइपलाइन, तारबंदी और कृषि यंत्रों पर मिलने वाले सरकारी अनुदान के बारे में विस्तार से बताया। उद्यानिकी विभाग की ओर से सोलर सिस्टम, ग्रीन हाउस और सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं की जानकारी साझा की गई।
कार्यक्रम में रहा किसानों का उत्साह
इस अभियान के संचालन में कृषि पर्यवेक्षक गोवर्धन जाटव, इंद्राज मीणा और संदीप जाट ने अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में किसानों ने इन जानकारियों को अपनी खेती में अपनाने का संकल्प लिया। प्रगतिशील किसानों को उनके योगदान और सहभागिता के लिए प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। यह 15 दिवसीय कृषि अभियान क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणादायक, ज्ञानवर्धक और लाभकारी सिद्ध हुआ। किसानों ने उम्मीद जताई कि ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेंगे।