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VIDEO : Rajindra Kaushal said- Atul Maheshwari scholarship will prove to be effective for economically weak children
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VIDEO : राजिंद्र कौशल बोले-अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों के लिए कारगर साबित होगी
अमर उजाला की ओर से शुरू की गई अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों के लिए कारगर साबित होगी । इससे पढ़ाई करने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति मिलने से काफी हद तक मदद मिलेगी और आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। यह बात उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा, ऊना स्वर्ण पदक विजेता राजिंद्र कौशल ने कही। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन में सबसे पहले छात्रवृत्ति प्राप्त करने की प्रेरणा कक्षा तीसरी से मिली। जब उन्हें एक अध्यापक की ओर से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सवाल के जवाब में इनाम के तौर पर पांच पैसे मिले तो मन में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा हुई। इसके बाद वह दिनप्रतिदिन सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि शिक्षा विभाग में उपनिदेशक के पद पर सेवारत हैं। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्हें बीएससी तृतीय वर्ष में प्रथम स्थान अर्जित किए जाने की सूरत में पहली बार 50 रुपये प्रति महीने की दर से छात्रवृत्ति लगी थी। उस दौरान पॉवर्टी कम ब्रिलिएंट छात्रवृत्ति के नाम से छात्रवृत्ति का संचालन कॉलेज में किया जाता था। उनके पिता भी जेबीटी शिक्षक थे। परिवार में पांच भाई-बहन थे और उस दौर में 50 रुपये की छात्रवृत्ति लगने से परिवार को भी आर्थिक सहायता मिलने पर काफी खुशी थी। छात्रवृत्ति मिलने से किताबें सहित अन्य पाठन-लेखन सामग्री खरीदने के लिए काफी मददगार साबित हुई। इसके बाद एमएससी में भी टॉप किए जाने की सूरत में 200 प्रति महीने की दर से छात्रवृत्ति मिली और स्कॉलरशिप की राशि प्राप्त होने से और कक्षा में हर बार टॉप होने की प्रेरणा से हिम्मत बढ़ी। आगे निकलते के एमएससी में टॉप किए जाने की सूरत में विश्वविद्यालय की ओर से गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया और छात्रवृत्ति मिलने और पढ़ाई में अव्वल रहने की सूरत में ही शिक्षा विभाग में जल्दी नौकरी प्राप्त करने का भी शुभ अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि उन्होंने 21 साल बतौर फिजिक्स प्रवक्ता के रूप में और 16 साल प्रिंसिपल और उसके बाद उच्च शिक्षा विभाग के अलावा इंस्पेक्शन उपनिदेशक के पद भी संयुक्त तौर पर संभाल रहे हैं और ऊना जिले को शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए प्रयासरत हैं। राजिंद्र कौशल के पिता ब्लाॅक प्राइमरी एजुकेशन ऑफिसर के पद से सेवानिवृत हुए थे। माता विमला कौशल गृहिणी थी और राजिंद्र कौशल की पत्नी नीलम कौशल प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत हुई हैं । राजिंद्र कौशल की बेटी श्वेता कौशल टंडन डॉक्टर हैं। दूसरी बेटी नीरू कौशल निजी विवि में बतौर शिक्षिका सेवाएं दे रही हैं ।
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