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UP: तानसेन के गुरु के नाम पर दिया जाएगा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, अति विशिष्ट शास्त्रीय संगीत के कलाकार होंगे पुरस्कृत
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UP: तानसेन के गुरु के नाम पर दिया जाएगा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, अति विशिष्ट शास्त्रीय संगीत के कलाकार होंगे पुरस्कृत
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिए जाने वाले प्रतिष्ठित तानसेन पुरस्कार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी भी प्रतिवर्ष एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार देगी। यह पुरस्कार संगीत सम्राट तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास के नाम से दिया जाएगा। पुरस्कार की प्रस्तावित राशि दो लाख रुपये है। वहीं, स्वामी हरिदास स्मृति समारोह के आयोजन के लिए एक करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मिल गई है। इस समारोह में अंतरराष्ट्रीय स्तर के अति विशिष्ट शास्त्रीय संगीत के कलाकारों (गायन, वादन एवं नृत्य) को आमंत्रित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत ने बताया कि इस स्मृति समारोह का आयोजन इसी वर्ष किया जाएगा। वृंदावन, मथुरा, आगरा आदि जनपदों में कार्यक्रमाें की शृंखला का आयोजन होगा। सोमवार को गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में आयोजित वार्ता में उन्होंने पत्रकारों को बताया कि पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी की स्मृति में पुष्पांजलि कार्यक्रमों की शृंखला का आयोजन भी जल्द किया जाएगा। उनकी जन्मतिथि 08 मई से लेकर पुण्यतिथि 24 अक्तूबर तक ये आयोजन होंगे। इस दौरान उनके साथ अकादमी की उपाध्यक्ष विभा सिंह और निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर भी मौजूद रहे।
डॉ. शोभित कुमार नाहर ने बताया कि कथक सम्राट गुरु लच्छू महाराज की जयंती पर दो दिवसीय नमन कार्यक्रम का आयोजन 31 अगस्त व 01 सितंबर को किया जाएगा। गजल साम्राज्ञी पद्मभूषण बेगम अख्तर की स्मृति में यादें कार्यक्रम का आयोजन 30 अक्तूबर को होगा। अध्यक्ष जयंत खोत ने बताया कि अकादमी की ओर से प्रदेश के 75 जनपदों में विभिन्न स्कूलों, महाविद्यालयों, संगीत व नाटक के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं के सहयोग से गायन, वादन, नृत्य, नाटक, लोकसंगीत, कठपुतली आदि की 15, 20 व 30 दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन एक मई से 15 जुलाई तक किया जा रहा है। उपाध्यक्ष विभा सिंह ने बताया कि इसके साथ ही बाल गृह, बालिका गृह व बालिका सुधार गृह में भी कार्यशालाएं होंगी।
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों की राशि में हो सकती है बढ़ोतरी
वर्ष 2021 से संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों की घोषणा नहीं की गई है। इसे लेकर प्रदेश के कलाकारों में निराशा और रोष भी है। एक प्रश्न के जवाब में अध्यक्ष डॉ. जयंत खोत और निदेशक डॉ. शोभित नाहर ने बताया कि 2022, 2023 और 2024 के लिए पुरस्कारों को लेकर आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, 2021 के लिए आवेदन पहले ही आमंत्रित किए जा चुके हैं। डॉ. शोभित ने बताया कि अब तक इन पुरस्कारों की राशि मात्र 10 हजार रुपये हुआ करती थी। इस बार प्रयास किया जा रहा है कि इस राशि में बढ़ोतरी हो और कम से कम इसे 50 हजार तक किया जाए। इस संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। इसके अलावा बीएम शाह पुरस्कार व सफदर हाशमी पुरस्कार के लिए भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
नाट्य समारोह के लिए किए गए बदलाव
सम्भागीय शास्त्रीय संगीत व सुगम संगीत (भजन एवं गजल) की प्रतियोगिताओं का आयोजन 18 मंडलों के अंतर्गत 19 केंद्रों पर किया जाएगा। ये जुलाई के अंत में शुरू होकर सितंबर तक चलेंगी। निदेशक डॉ. शोभित नाहर ने बताया कि अकादमी की ओर से प्रतिवर्ष होने वाले नाट्य समारोह में इस बार कुछ बदलाव किए गए हैं। इसमें सम्भागीय नाट्य समारोह की चयनित संस्थाओं को शामिल करते हुए तीन दिवसीय प्रादेशिक नाट्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद प्रादेशिक नाट्य समारोह की एक नाट्य संस्था के साथ ही दो राष्ट्रीय स्तर की नाट्य संस्थाओं को शामिल करते हुए राज्य नाट्य समारोह होगा।
अकादमी की ओर से इस वर्ष के अन्य प्रमुख आयोजन
- अकादमी परिसर में ग्रीष्मकालीन कार्यशालाओं में शास्त्रीय गायन, तबला वादन, कथक नृत्य, अवधी लोकगीत, नाटक, नाट्य लेखन का आयोजन 27 मई से 26 जून तक।
- प्रादेशिक शास्त्रीय एवं सुगम संगीत (भजन एवं गजल) प्रतियोगिता अक्तूबर में और उल्लास उत्सव का आयोजन 14 नवंबर को होगा।
- अकादमी के स्थापना दिवस पर धरोहर कार्यक्रम का 13 नवंबर को।
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के आयोजन क्षितिज में वाल्मीकि रंगशाला का सहयोग।
- संगीत एवं नाट्य के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं को सहयोग के अंतर्गत ‘रसमंच’ योजना में एक संगीत व एक नाट्य कार्यक्रम के लिए वाल्मीकि रंगशाला निशुल्क दी जाएगी।
- प्रदेश के विद्यालयों में एक-संगीत व एक-नाट्य के व्याख्यान के साथ प्रदर्शन भी होंगे।
- अभिलेखीकरण के अंतर्गत प्रदेश के मूर्धन्य व वयोवृद्ध कलाकारों की रिकॉर्डिंग कराई जाएगी।
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