कटनी निवासी और सिविल जज बनने की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी के लापता होने की गुत्थी सुलझ गई है। अब मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। 7 अगस्त 2025 को रानी कमलापति स्टेशन से कटनी के लिए नर्मदा एक्सप्रेस में सफर पर निकली अर्चना अब इटारसी रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दी है।
फुटेज में अर्चना काले रंग की साड़ी पहने हुए नजर आ रही है और अपने चेहरे को पल्लू से ढंके हुए एक युवक का हाथ पकड़े इटारसी रेलवे स्टेशन से बाहर निकलती दिख रही है। इससे पहले जीआरपी पुलिस ने इटारसी स्टेशन पर लगे कुल 82 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले, लेकिन वे सूट पहनी महिला की तलाश में जुटे रहे, जबकि अर्चना ने कोच बदलने के बाद साड़ी पहन ली थी।
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साड़ी बदलकर बी-2 से A-1 कोच में आई
जानकारी के अनुसार, अर्चना ने नर्मदा एक्सप्रेस के बी-2 कोच में साड़ी बदली और फिर A-1 कोच से इटारसी स्टेशन पर उतरी। इटारसी के प्लेटफॉर्म पर एक युवक हाथ में पॉलीथिन लिए दौड़ता हुआ नजर आता है, जिसके बारे में आशंका है कि उसमें वही साड़ी थी, जिसे अर्चना ने बाद में पहना। नर्मदापुरम स्टेशन से ही अर्चना के साथ उसका मित्र तजेंद्र ट्रेन में चढ़ा था और इटारसी स्टेशन पर वही युवक अर्चना का हाथ पकड़कर उसे बाहर ले गया।
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पहले से तैयार थी कार, इंदौर की ओर रवाना हुए
इटारसी स्टेशन से बाहर निकलने के बाद अर्चना और तजेंद्र फोरलेन पहुंचे, जहां पहले से एक कार उनका इंतजार कर रही थी। सूत्रों के अनुसार, कार में उनका एक और मित्र मौजूद था, जिसने उन्हें इंदौर की ओर रवाना किया। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो रहा है कि अर्चना का गायब होना कोई अचानक की गई हरकत नहीं थी, बल्कि यह पहले से तय योजना का हिस्सा था।
12 दिन तक जंगलों और रेलवे ट्रैक पर तलाश करती रही जीआरपी
इस मामले में जीआरपी पुलिस ने काफी मेहनत की। जंगलों, रेलवे ट्रैक और आसपास के क्षेत्रों में सर्च अभियान चलाया गया। लेकिन वे सूट पहनी अर्चना की तलाश करते रहे, जबकि वह पूरी तरह से अपना वेश बदल चुकी थी। यह चूक जांच की दिशा को कई दिनों तक भटकाती रही।
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