शनिवार को छिंदवाड़ा में मध्यप्रदेश के नगर निगम महापौरों की वार्षिक बैठक धूमधाम से आयोजित की गई। इस अवसर पर राज्य के 11 नगर निगमों के महापौरों का आदिवासी रीति-रिवाजों और पारंपरिक लोकनृत्य के माध्यम से भव्य स्वागत किया गया। बैठक में प्रदेश सरकार के मंत्रीगणों ने महापौरों को संबोधित करते हुए विकास, नीति और प्रशासनिक कार्यों को लेकर दिशा-निर्देश दिए।
विजयवर्गीय ने दिया स्पष्ट संदेश – ‘यह आखिरी कार्यकाल समझें’
प्रदेश के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय छिंदवाड़ा में चल रहे मेयर काउंसिल की बैठक में वर्चुअल जुड़े। इस दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान दिया, जिससे सभी मेंयर एक दूसरों का मुंह ताकने लगे। दरअसल कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं बहुत कड़वा बोलता हूं, लेकिन सच्चाई यही है कि हर महापौर को यह कार्यकाल अपना अंतिम मानकर काम करना चाहिए, ताकि जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभा सकें।
ये भी पढ़ें:
श्रावण मास में उमड़ा शिवभक्ति का सैलाब, ओंकारेश्वर से 230 कांवड़िए रवाना, महाकाल पर चढ़ाएंगे जल
प्रतिमा बागरी की दीर्घकालिक सोच पर जोर
राज्य की राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने महापौरों को आगामी दो दशकों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ आज के लिए नहीं, आने वाले 20 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शहरों की रूपरेखा तैयार करें। बता दें कि बैठक से पहले सभी महापौरों ने चौरी रोड स्थित प्रसिद्ध रामेश्वरम धाम पहुंचकर भगवान शिव को जल चढ़ाया और प्रदेश के विकास हेतु आशीर्वाद लिया। बैठक में 11 शहरों के महापौर ने भाग लिया। इसमें मालती राय (भोपाल), पुष्यमित्र भार्गव (इंदौर), मुकेश टटवाल (उज्जैन), संगीता तिवारी (सागर), माधुरी अतुल पटेल (बुरहानपुर), योगेश ताम्रकार (सतना), प्रीति सूरी (कटनी), अमृता यादव (खंडवा), विक्रम अहके (छिंदवाड़ा) शामिल थे। कार्यक्रम के समापन पर नगर निगम कर्मचारी संघ ने राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी को ज्ञापन सौंपा। इसमें कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग की और कहा कि वर्षों से काम कर रहे कर्मचारियों को अब स्थायी किया जाना चाहिए।