दमोह जिले के तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम रिचकुड़ी में शादी समारोह के वरमाला कार्यक्रम में फोटो खिंचवाने को लेकर विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि बारातियों और लड़की पक्ष के बीच मारपीट की नौबत आ गई। इसके बाद दुल्हन ने शादी करने से मना कर दिया, थाने में पंचायत बैठाई गई लेकिन बारात को बिना दुल्हन के ही लौटना पड़ा। वहीं, लड़के वालों ने लड़की पक्ष पर जेवर रख लेने का आरोप लगाया, पुलिस की समझाइश के बाद वापस लौटा दिए गए। हालांकि, राजीनामा होने के कारण दोनों पक्षों की ओर से केस दर्ज नहीं कराया गया है।
जानकारी के अनुसार, दमोह जिले के कुम्हारी गांव से अमरसिंह गौड़ अपने बेटे शुभम की बारात लेकर मंगलवार रात तेंदूखेड़ा के ग्राम रिचकुड़ी आए थे, जिसकी शादी मोहन आदिवासी की पुत्री नंदनी के साथ होनी थी। शुभम और नंदनी दोनों ही पैरों से दिव्यांग हैं, जिसके आधार पर उनका रिश्ता तय किया गया था। देर रात बारात लगने के बाद लगभग रात 3 बजे वरमाला का कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान लड़के पक्ष के कुछ लोग शराब के नशे में फोटो खिंचवाने को लेकर विवाद करने लगे। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। कुर्सियों को भी तोड़ दिया गया। बाद में लोगों ने मामला शांत कराया। इसके बाद दुल्हन को चढ़ावा चढ़ाने की रस्म की गई, लेकिन उसनने शादी करने से मना कर दिया। ऐसे में बारात में शामिल सभी लोग वापस चले गए। दूल्हे के साथ घर के तीन लोग बचे, जो बुधवार को तेंदूखेड़ा थाने पहुंचे।
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पुलिस ने लड़के पक्ष की बात सुनने के बाद लड़की पक्ष के लोगों को थाने बुलाया। दोनों पक्षों ने बैठकर राजीनामा किया और शादी करने से इंकार कर दिया। लेकिन, लड़के पक्ष के लोगों का कहना था कि उनका जेवर वापस कराया जाए। जिसके बाद पुलिस ने दुल्हन पक्ष को समझाइश देकर गहने वापस करा दिए।
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तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी नितेश जैन ने बताया कि शादी के दौरान लड़का और लड़की पक्ष के बीच विवाद हुआ था। दोनों पक्षों से बात की गई, उन्होंने शिकायत करने से मना कर दिया। लड़की ने भी शादी से इंकार कर दिया, जिससे बारात वापस हो गई। जेवर वापस करने की बात पर लड़की पक्ष के लोगों से देने के लिए कहा गया, जिस पर वे राजी हो गए।