दमोह जिले के जबेरा ब्लॉक के लरगुंवा गांव में एक तालाब में घूम रहे मगरमच्छ को गांव के लोगों ने खुद ही पकड़ लिया और वन विभाग को सौंप दिया। यह मगरमच्छ पिछले दो महीने से तालाब में दिखाई दे रहा था, जिससे गांव वाले डरे हुए थे। रविवार दोपहर को जब यह मगरमच्छ फिर नजर आया, तो लोगों ने उसे पकड़ लिया और राहत की सांस ली।
गांव के तालाब में पहली बार 27 मार्च को मगरमच्छ देखा गया था। लोगों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी, लेकिन जब रेस्क्यू टीम पहुंची तो मगरमच्छ पानी में छिप गया और टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। गांव वालों ने कई बार मछली पकड़ने के जाल से उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह हर बार तालाब की मेड़ की दरार में छिप जाता था। रविवार को आखिरकार गांव वालों ने उसे जाल में फंसा लिया और बोरी में भरकर वन चौकी बनवार ले गए। इसके बाद वन विभाग ने उसे सिंगौरगढ़ जलाशय में ले जाकर सुरक्षित छोड़ दिया।
जब वन विभाग की टीम मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ने में सफल नहीं हो पाई, तो गांव के लोगों ने खुद ही उसे पकड़ने की योजना बनाई। उन्होंने तालाब में जाल डाला और काफी कोशिशों के बाद मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर वन विभाग की चौकी में जमा कर दिया।
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डिप्टी रेंजर जगदीश समदड़िया ने बताया कि वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ के बच्चे को अपने कब्जे में लेकर उसे रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ दिया, जहां मगरमच्छों के लिए सुरक्षित प्राकृतिक माहौल है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल बारिश के दौरान कई मगरमच्छ बहकर अलग-अलग तालाबों में पहुंच गए थे और जबेरा ब्लॉक में इन्हें काफी जगहों पर देखा गया था।