डिंडौरी जिले की ग्राम पंचायत किवटी में एक आदिवासी गरीब परिवार प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होकर बेहद दयनीय हालात में जीवन यापन कर रहा है। यह परिवार एक जर्जर झोपड़ी में रह रहा है, जहां पिछले तीन दिनों से एक जहरीला सांप भी डेरा जमाए हुए है। बारिश के मौसम में झोपड़ी कभी भी गिर सकती है, जिससे इस परिवार की जान को बड़ा खतरा बना हुआ है।
पीड़ित परिवार में पति-पत्नी और उनके तीन छोटे बच्चे शामिल हैं, जो रात-दिन भय और असुरक्षा के साए में जीने को मजबूर हैं। पीड़ित का आरोप है कि पिछली पंचायती चुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी को सरपंच पद के लिए खड़ा किया था, जिसका बदला अब ग्राम के वर्तमान सरपंच द्वारा लिया जा रहा है। इसी कारण आज तक इस परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है।
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परिवार ने कई बार पंचायत स्तर से लेकर जिले के उच्च अधिकारियों तक गुहार लगाई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। अब तक न तो किसी ने मौके पर पहुंच कर उनकी हालत देखी और न ही सरकारी योजना के तहत उन्हें कोई सहायता दी गई। झोपड़ी की हालत इतनी खराब है कि कभी भी बारिश या हवा से यह ढह सकती है। ऊपर से सांप जैसे जहरीले जीव-जंतु झोपड़ी में घुसकर इस परिवार की जान को और भी अधिक खतरे में डाल रहे हैं।
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पीड़ित आदिवासी परिवार ने बताया कि सरपंच द्वारा उन्हें बार-बार धमकी दी जाती है और आवास दिलवाने की बजाय टालमटोल की जाती है। यह सीधा-सीधा राजनीतिक द्वेष और प्रशासनिक लापरवाही का मामला है, जहां एक गरीब परिवार को केवल राजनीतिक रंजिश के कारण अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। सरपंच मंतीबाई धुनकेती को हमने उनका पक्ष जानने फोन किया, पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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