रक्षाबंधन के त्योहार पर बहनें न केवल अपनी पसंद, बल्कि भाइयों की पसंद की राखियों की तलाश में भी जुटी हैं। इसी बीच ग्वालियर में इस बार एक अनोखी पहल सामने आई है—यहां महिलाएं पूरी तरह हर्बल राखी तैयार कर रही हैं, जो देसी गाय के गोबर के कंडों से बनाई जा रही हैं। ये राखियां सेना के जवानों की कलाइयों पर सजेंगी।
बाजार में महंगी- महंगी राखियों की भरमार है, लेकिन इस बार भाइयों की कलाई पर एक खास तरह की राखी भी बांधी जाएगी। इसे तैयार करने में देसी गाय के गोबर का इस्तेमाल हो रहा है। इस काम में करीब 150 महिलाओं का समूह जुड़ा हुआ है, जो अपने-अपने घरों पर हर्बल राखियां बना रहा है। तैयार राखियां देश की सीमा पर तैनात जवानों और मुरार कैंट में रहने वाले सैनिकों को भेजी जाएंगी।
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अग्र सेवा संस्थान के इस अभियान के पीछे दो मुख्य उद्देश्य हैं, पहला, ऐसी देसी नस्ल की गायों को बचाना जिन्हें दूध न देने के कारण लोग छोड़ देते हैं, और दूसरा, ग्रामीण महिलाओं को घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराना। ‘गोकृति’ से जुड़ी ये महिलाएं अपने घरों पर सामग्री तैयार करती हैं, जबकि तैयार सामग्री की फिनिशिंग, रंगाई और पैकेजिंग का काम संस्थान करता है।
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