दिल में छेद होने के कारण दो दिन बच्ची को गुरुवार के दिन एयरलिफ्ट कर उपचार के लिए मुंबई भेजा जाएगा। प्रदेश में पहली बार किसी नवजात को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। बुधवार को अवकाश होने के बावजूद भी कागजी कार्यवाही पूर्ण करने के लिए मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी का कार्यालय खोला गया। बच्ची को बुधवार की शाम ही भेजा जाना था, परंतु पारिवारिक कारणों से उसे गुरुवार को एयर लिफ्ट किया जाएगा।
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संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग तथा सीएचएमओ डॉ संजय मिश्रा ने प्राप्त जानकारी के अनुसार सिहोरा निवासी सत्येंद्र दहिया की पत्नी ने सोमवार तीन नवंबर को जबलपुर स्थित एक निजी अस्पताल में जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। इसमें से एक लड़का व एक लड़की थी। बच्ची के दिल में बचपन से छेद था और उसे उपचार के लिए मुंबई स्थित नारायण अस्पताल भेजा जाना आवश्यक था। बच्ची के पिता ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला से संपर्क किया और बच्ची की स्थिति से अवगत करवाया। बच्ची के संबंध में जानकारी मिलने पर अवकाश के दिन भी सीएचएमओ कार्यालय खुलवाया गया। उन्होंने कार्यालय पहुंचकर कागजी कार्यवाही पूर्ण की।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि कागजी कार्यवाही पूर्ण होने के बाद बच्ची को बुधवार की शाम को एयरलिफ्ट करने की तैयारी थी। पारिवारिक कारणों से बच्ची को गुरुवार की दोपहर 12 बजे पीएमश्री एयर एंबुलेंस से मुंबई स्थित नारायण अस्पताल उपचार के लिए भिजवाया जाएगा। बच्ची के उपचार निशुल्क होगा और पूरा व्यय सरकार वहन करेंगी। नवजात बेटे की स्थिति सामान्य है।