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Khandwa: सांसद पाटिल बोले- BJP में कार्यकर्ताओं का चयन UPSC से भी कठिन, वन नेशन वन इलेक्शन पर कही ये बात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खंडवा Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Sun, 22 Dec 2024 09:54 AM IST
देश में इस समय वन नेशन वन इलेक्शन के बल पर बहस छिड़ी हुई है। हालांकि इसको लेकर जेपीसी का गठन हो चुका है और अब जेपीसी के जरिये ही तय होगा कि यह बिल पास होगा या नहीं। इस पर विपक्षी पार्टियां एक मत नहीं हैं और उन्होंने इस बिल के विरोध में हंगामा भी किया था। इसी बीच मध्य प्रदेश के खंडवा लोकसभा से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी इस बिल को देश की जरूरत और देश की जनता की इच्छा बताई है। वहीं एक साथ चुनाव होने से विकास के कार्यों में शीघ्रता और इससे समय और धन की बर्बादी को रोकना बताया है। यही नहीं इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष के चुनाव के दौरान कई कार्यकर्ताओं के दावेदारी पेश करने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं का चयन यूपीएससी से भी कठिन परीक्षा है।
विपक्ष की आदत है हल्ला मचाओ
इधर, खंडवा पहुंचे सांसद पाटिल ने वन नेशन वन इलेक्शन के सवाल पर कहा कि,यह जनता की आवाज है। प्रधानमंत्री जनता की आवाज को अच्छी तरह से जानते पहचानते हैं। चूंकि देश में आए दिन कोई न कोई चुनाव होते रहते हैं तो इन अलग-अलग चुनाव होने से विकास के कार्य प्रभावित होते हैं और समय और धन की बर्बादी होती है। इसे रोकने के लिए देश में इसकी आवश्यकता है। इसको लेकर कुछ पार्टियों का मत नहीं हैं, लेकिन सारा देश यही चाहता है कि एक साथ इलेक्शन होना चाहिए। इस पर बिल प्रस्तुत कर जेपीसी को भेज दिया गया है। विपक्ष की तो आदत हो गई है कि हल्ला मचाओ। इसके अलावा उनसे कुछ होना नहीं है, तो उन्होंने हल्ला मचाने का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हुए और अब वह दिन दूर नहीं जब इस पर बिल पास हो जाएगा।
कार्यकर्ताओं का चयन यूपीएससी से कठिन परीक्षा
वही, मंडल अध्यक्ष के चुनाव को लेकर बन रही सर फुटव्वल की स्थिति पर बात करते हुए सांसद पाटिल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की प्रक्रिया है। उसमें कहीं भी सर फुटव्वल जैसी स्थिति नहीं है। हमारी पार्टी का कार्यकर्ता जो वर्षों से पार्टी के लिए कार्य करता है। उसकी इच्छा होती है कि उसे भी दायित्व मिलना चाहिए। एक पद देना होता है और उसके लिए 100 योग्य कार्यकर्ता हैं। तो उन 100 योग्य कार्यकर्ताओं में से चयन करना इतना कठिन होता है कि जैसे यूपीएससी की परीक्षा से भी कठिन परीक्षा हमारे कार्यकर्ताओं का निर्माण करने में लगती है। भारतीय जनता पार्टी जो निर्णय कर लेती है तो, उस निर्णय को सभी मानकर आगे बढ़ने का कार्य करते हैं। एक प्रक्रिया थी जो हो गई है। अब सब लोग जो मंडल अध्यक्ष बन गए हैं वे अपना काम करेंगे और जिनको पद नहीं मिला है, उनका भी उपयोग भारतीय जनता पार्टी जिसकी जहां जैसी उपयोगिता होगी उसको उस प्रकार का दायित्व देकर उससे भी काम करवाने का प्रयास भारतीय जनता पार्टी करती है।
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