उत्तर भारत में हुई बर्फबारी के बाद अब मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में भी ठंड का असर दिखने लगा है। बीते दो दिनों की तुलना में बुधवार को तापमान में और गिरावट दर्ज की गई। खंडवा जिले में बुधवार को रात का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस और दिन का तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सुबह से ही ठंडी हवाएं चल रही थीं, जो दिनभर जारी रहीं। इन ठंडी हवाओं ने शहरवासियों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया। हालांकि दिन में धूप खिली रही, लेकिन मौसम विभाग ने आगामी दिनों में शीतलहर चलने और गलन भरी ठंड बढ़ने की संभावना जताई है।
खंडवा नगर में शीतलहर अपने चरम पर है। जिले में पिछले तीन दिनों से खून जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। जिनके पास ठंड से बचने के पर्याप्त इंतजाम हैं, वे तो ठीक हैं, लेकिन बिना इंतजाम वाले लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। रैन बसेरे और अलाव जैसे सरकारी इंतजाम केवल नाम मात्र के हैं, जो जरूरतमंदों की मदद के बजाय एनजीओ के प्रयासों तक सीमित रह गए हैं।
ठंड के कारण स्कूलों में सुबह की शिफ्ट को नौ बजे से करने के आदेश दिए जाने चाहिए। हालांकि, मिशनरी स्कूल अधिकतर कलेक्टर के आदेशों को भी अनदेखा कर देते हैं। यह देखकर लगता है कि वे इंग्लैंड के कैलेंडर और तापमान पर निर्भर करते हैं, भले ही उनके स्कूल निमाड़ के ठंडे मौसम में चलते हों।
सप्ताहभर और ठंड, फसलों को फायदा
पश्चिमी विक्षोभ के खत्म होने और बादलों के छंटने से निमाड़ में ठंड बढ़ गई है। उत्तर भारत में हुई बर्फबारी के कारण यह स्थिति बनी है। मौसम विभाग के अनुसार, यह स्थिति लगभग एक सप्ताह तक बनी रहेगी। इसके बाद ठंड कुछ समय के लिए कम हो सकती है, लेकिन फिर मौसम का मिजाज बिगड़ने की संभावना है। इस दौरान मावठा गिरने से चने की फसल को फायदा होगा, जबकि गेहूं भी अच्छी वृद्धि कर रहा है।
हिल स्टेशन जैसा माहौल
निमाड़ क्षेत्र में दो बड़े मीठे पानी के सागर हैं। खंडवा जिले में भगवंत सागर और नागचून तालाब भी लबालब भरे हुए हैं। उत्तर-पूर्व से आने वाली चुभन भरी ठंडी हवाओं ने माहौल को हिल स्टेशन जैसा बना दिया है। बादलों के छंटने के कारण अब कोहरा भी पड़ने लगा है। सूर्य सुबह 8 बजे तक नरमी लिए रहता है, जबकि दोपहर 1 बजे भी चंद्रमा और सूर्य एक साथ नजर आते हैं।
तिब्बती बाजारों में रौनक
खंडवा के बाजारों में गर्म कपड़ों, कंबलों और रजाई बनाने वालों की दुकानों पर भीड़ नजर आ रही है। दधीच पार्क पर तिब्बती दुकानों में भी खासी भीड़ है। बांबे बाजार की महंगी दुकानों की तुलना में तिब्बती दुकानों पर सामान आधे दाम में बिक रहा है। पुराने कपड़ों की दुकानों ने भी अलग तरह के ग्राहकों को आकर्षित किया है। खंडवा और आसपास के गांवों के हाट बाजारों में हर वर्ग के लिए गर्म कपड़ों का इंतजाम है।