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Khandwa: कुत्तों को लेकर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने पार्षदों संग किया विरोध, आयुक्त के दरवाजे पर फेंका ज्ञापन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खंडवा Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Sat, 18 Jan 2025 11:59 AM IST
मध्यप्रदेश के खंडवा नगर में बीते कुछ दिनों से लगातार आवारा कुत्तों के काटने के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जबकि यहां निगम के द्वारा कुत्तों के बधियाकरण का केंद्र भी संचालित है। इसी को लेकर शुक्रवार को नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस पार्षदों के साथ जाकर अपना विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस नेताओं के साथ कुत्ते का मास्क लगाए सांकेतिक रूप से एक युवक भी मौजूद था। जिसने नगर निगम में आने-जाने वाले लोगों को काटने का नाटक कर विरोध जताया।
इधर, करीब एक घंटे से अधिक समय तक जब निगम आयुक्त किसी काम में व्यस्त होने के चलते इन लोगों का ज्ञापन लेने बाहर नहीं आईं, तब गुस्साए कांग्रेस पार्षद और विपक्ष के नेता दीपक राठौड़ ने उनके दरवाजे पर ही ज्ञापन फेंककर अपना विरोध जताया। वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि आयुक्त सिर्फ भाजपा पार्षदों से ही मिलती हैं, कांग्रेस पार्षदों से नहीं। साथ ही, निगम द्वारा लाखों रुपये आवारा कुत्तों की नसबंदी के नाम पर खर्च कर भ्रष्टाचार किया गया है, जिसके चलते इन कुत्तों की संख्या शहर में लगातार बढ़ रही है।
समस्या सुनना तक उचित नहीं समझा
खंडवा नगर निगम में शुक्रवार को कांग्रेस पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। दरअसल, निगम के नेता प्रतिपक्ष दीपक उर्फ मल्लू राठौड़ और कांग्रेस कार्यकर्ता, शहर में बीते दिनों कुत्तों के काटने की घटनाओं को लेकर निगम आयुक्त से चर्चा करना चाहते थे और उन्हें इस संबंध में एक आवेदन देना चाहते थे। लेकिन, निगम आयुक्त ने आवेदन लेना तो दूर, कांग्रेस पार्षदों से मिलकर उनकी समस्या सुनना तक उचित नहीं समझा। इस कारण कांग्रेस पार्षद करीब एक घंटे तक निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर उनका इंतजार करते रहे।
इसके बाद गुस्साए नेता प्रतिपक्ष मल्लू राठौड़ ने अपना आवेदन आयुक्त कार्यालय के दरवाजे पर ही फेंक दिया। वहीं, मीडिया से चर्चा में उन्होंने निगम आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए। इधर, जब निगम आयुक्त प्रियंका राजावत से फोन पर बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने पहले तो फोन रिसीव नहीं किया और बाद में अपना मोबाइल ही स्विच ऑफ कर लिया।
इस काम में भी भ्रष्टाचार हुआ
हंगामा कर रहे नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीते एक साल में निगम ने 35 लाख रुपये खर्च कर 3100 से अधिक कुत्तों की नसबंदी करने का दावा किया है। लेकिन, शहर की सड़कों पर बड़ी संख्या में कुत्ते घूम रहे हैं, जो आम लोगों को काट रहे हैं। इससे साफ होता है कि इस काम में भी भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निगम आयुक्त कभी समय पर कार्यालय नहीं आतीं। निगम कार्यालय सुबह 10 बजे से खुलता है, लेकिन आयुक्त अक्सर देर से आती हैं और महापौर के घर पर ही जाकर फाइलें साइन कर देती हैं।
श्वान नसबंदी केंद्र फिलहाल बंद
इस मामले में सफाई देते हुए निगम उपायुक्त एसआर सिटोले ने बताया कि पिछले 10 महीनों में नगर निगम द्वारा 3168 कुत्तों की नसबंदी कराई गई है। इस काम के लिए हमारा केंद्र लगातार काम करता था। हालांकि, दिसंबर माह में उस केंद्र की निविदा समाप्त हो गई है, जिसके कारण फिलहाल वहां काम बंद है। लेकिन संभवतः 17 से 18 दिनों में नई निविदा जारी कर दी जाएगी।
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