मंदसौर-नीमच जिले की सीमा में स्थित एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधीसागर जलाशय छलक उठा है। पानी की अत्यधिक आवक होने के कारण जल संसाधन विभाग ने बांध के तीन छोटे गेट खोले हैं। शनिवार रात को गेट खुलने से पानी के तेज बहाव के कारण मगरमच्छ किनारें पर देखे गए। वहीं एक मगरमच्छ पुलिया पर आ पहुंचा, जिसे वन विभाग की टीम ने वापस नदी में छोड़ा।
गांधीसागर बांध के ठीक सामने नीमच-झालावाड़ मार्ग को जोड़ने वाली मुख्य पुलिया पर शनिवार रात करीब 10 बजकर 20 मिनिट पर 11 फीट लंबा मगरच्छ सड़क पर आ पहुंचा था, जिससे सड़क पर वाहनों के पहिए थम गए और दशहत का माहौल बन गया। सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उसे वापस चंबल नदी में सुरक्षित छोड़ा गया। वन विभाग के अधिकारियों ने निचले स्तर पर हाई अलर्ट जारी किया है, क्योंकि चंबल नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण मगरच्छों को बाहर निकलने का खतरा बढ़ गया है।
गांधीसागर बांध का जलस्तर 1308 फीट पार
गांधीसागर बांध का जल स्तर शनिवार दोपहर 1308 फीट से उपर पहुंच गया, जोकि भराव क्षमता से अधिक है। दोपहर तीन बजे जिला प्रशासन द्वारा बांध के तीन गेट खोले गए। करीब 58 हजार क्यूसेक पानी राजस्थान की तरफ छोड़ा जा रहा हैं।
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लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील
गरोठ के एसडीएम राहुल चौहान ने बताया कि प्रशासन ने सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। राजस्थान में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन टीमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। प्रशासन ने नागरिकों से नदी किनारे न जाने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की अपील की है।
सैलानियों की भीड़ उमड़ना शुरू
मध्यप्रदेश और राजस्थान के सीमा के बीच स्थित गांधीसागर बांध के गेट खुलने से विहंगम नजारा दिखाई दे रहा है। गेट खुलने की सूचना मिलते ही गांधीसागर बांध पर सैलानियों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई है।
रामपुरा में भी हाई अलर्ट
रामपुरा में वर्ष 2019 में बाढ़ की स्थिति बन गई थी। रामपुरा बस स्टैंड जल मग्न हो गया था, रामपुरा नगर में हाई अलर्ट जारी किया गया है। थाना प्रभारी विजय सगारिया ने बताया कि चंबल नदी से सटे हुए क्षेत्र में पानी के जल स्तर पर सतत निगरानी रखी जा रही है।