राजगढ़ जिले में यूरिया खाद की भारी कमी ने किसानों को असहाय हालात में खड़ा कर दिया है। हालात ऐसे बन गए हैं कि सरकारी दफ्तरों के बाहर किसान मंदिरों की तरह अपनी-अपनी मनोकामनाएं लेकर बैठे नजर आ रहे हैं। खाद पाने की उम्मीद में किसान जमीन पर अपने आधार कार्ड रखकर कतार में खड़े हैं और बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। खाद की कमी के चलते जिले की विपणन सहकारी समितियों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। खासकर खिलचीपुर क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है।
यहां किसानों को दो-दो और तीन-तीन दिन तक इंतजार करने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है। कई किसान रात से ही लाइन में लगने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि खाद वितरण की व्यवस्था बेहद सीमित है। एक आधार कार्ड पर केवल दो बोरी यूरिया दी जा रही है, जबकि फसल की जरूरत इससे कहीं अधिक है। वहीं, इंतजार के दौरान किसानों के लिए न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही खाने-पीने की कोई सुविधा, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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किसान अंकित परिहार ने बताया कि वह एक दिन पहले सुबह पांच बजे से लाइन में खड़ा है, लेकिन अब तक उसे खाद नहीं मिल पाई है। उनका कहना है कि बार-बार लाइन में लगने से खेती के जरूरी काम प्रभावित हो रहे हैं और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। खाद की किल्लत ने जिले के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। रबी सीजन के बीच खाद न मिलने से फसल प्रभावित होने का डर सता रहा है। किसानों ने प्रशासन से जल्द आपूर्ति बढ़ाने और व्यवस्था को सुचारु करने की मांग की है, ताकि उन्हें इस तरह के हालात का सामना न करना पड़े।