पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) विवेक कुमार गुप्ता ने मुख्यालय के सभी विभाग प्रमुखों के साथ रतलाम रेल मंडल के नीमच-चित्तौड़गढ़ रेल खंड का वार्षिक संरक्षा निरीक्षण किया। निरीक्षण कर शाम को रतलाम पहुंचने पर उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि उज्जैन सिंहस्थ-2028 के लिए करीब 800 करोड़ रुपये के विभिन्न कार्य किए जा रहे है। सभी कार्यों के टेंडर एक माह में फायनल हो जाएगे। रतलाम, नागदा के साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मक्सी, देवास और भोपाल में भी प्लानिंग की जा रही है। एक से डेढ़ वर्ष में सारे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
जानकारी के अनुसार जीएम गुप्ता ने सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य रेल संरक्षा मानकों की समीक्षा, परिचालन व्यवस्थाओं का आकलन तथा यात्री सुविधाओं एवं अवसंरचना विकास कार्यों की प्रगति की जांच करना रहा। निरीक्षण के दौरान जीएम ने चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म, सर्कुलेटिंग एरिया, क्रू लॉबी, रनिंग रूम, हेल्थ यूनिट, नवनिर्मित एमओटी (मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म) बिल्डिंग, एआरटी (दुर्घटना राहत ट्रेन) एवं एआरएमई (दुर्घटना राहत मेडिकल उपकरण) का निरीक्षण किया। इसके पश्चात बिलसवास कलां रेलवे स्टेशन पर माइनर रेलवे कॉलोनी, प्वाइंट, गैंग टूल रूम सहित रेलवे लाइन का विस्तृत निरीक्षण किया गया। उन्होंने नीमच रेलवे स्टेशन पर अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत किए जा रहे विकास कार्यों, रेलवे कॉलोनी, रेलवे सुरक्षा बल बैरक, गुड्स शेड सहित अन्य लोकेशनों का निरीक्षण कर किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्टेशन के हेरिटेज स्वरूप को बनाए रखते हुए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया गया है।
परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश
जीएम गुप्ता ने नीमच-रतलाम दोहरीकरण परियोजना के तहत मंदसौर के समीप निर्माणाधीन शिवना ब्रिज के कार्यों का निरीक्षण किया गया तथा परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। मंदसौर से ढोढर के मध्य ब्रिज संख्या 370 से कर्व संख्या 104 तक लगभग 41 किलोमीटर खंड में लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से स्पीड ट्रायल भी किया गया। संरक्षा निरीक्षण के दौरान दो समपार फाटक, एक एलएचएस (लिमिटेड हाइट सबवे), माइनर एवं मेजर ब्रिज तथा कर्व का भी निरीक्षण किया गया। उन्होंने उत्कृष्ट कार्यों की प्रशंसा करते हुए आवश्यक सुधारात्मक कार्यों हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर मुख्यालय के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) विनीत गुप्ता, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक वी.ए. मालेगांवकर, प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर रजनीश कुमार गोयल, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर रविंदर कुमार वर्मा, प्रमुख मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर रजनीश कुमार, प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी नीरज वर्मा, प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक तरुण जैन, प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त अजय सादानी, प्रमुख मुख्य इंजीनियर अमित गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक अश्वनी कुमार सहित मंडल के सभी शाखाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मेमू लिए बनाया जा रहा है शेड, सिंहस्थ के लिए चलाई जाएगी अतिरिक्त ट्रेन
उज्जैन सिंहस्थ 2026 में श्रद्धालुओं के आवागमन व अतिरिक्त ट्रेने चलाने संबंधी प्रश्न पर जीएम गुप्ता ने कहा कि सिंहस्थ हमारे लिए भी महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन होगा। मध्यप्रदेश सरकार के साथ समन्वय बनाकर तैयारी की जा रही है। इस बार सिंहस्थ को लेकर उज्जैन में थोड़ी डिफरेंस प्लानिंग की जा रही है। उज्जैन से नागदा की तरफ दो स्टेशन और भोपाल की तरफ दो स्टेशनों, नईखेड़ी से पिंगलेश्वर तथा तथा फतेहाबाद और चिंतामन स्टेशन की तरफ कार्य किए जा रहे है। यार्ड डेवलप करने के साथ प्लेटफार्म व अतिरिक्त फूट ओवरब्रिज बना रहे है। कुल मिलाकर 800 करोड़ रुपये के कार्य किए जा रहे है। सारे कार्य अगले डेढ़ वर्ष में पूरे कर लेंगे। साथ ही भीड़ को हेंडल करने के लिए रतलाम, मक्क्षी, देवास और भोपाल में भी प्लानिंग की जा रही है। रतलाम में मेमू शेड तैयार किया जा रहा है। पूरे पश्चिम रेलवे में वड़ोदरा में एक मेमू शेड है, दूसरा रतलाम में बनाया जा रहा है, यहां से उज्जैन तक के लिए अतिरिक्त ट्रेन भी चलाई जाएंगी। इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन के संबंध में उन्होंने कहा कि धार तक कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, संभवता मार्च 2026 तक इंदौर से धार तक ट्रेन परिचालन शुरू किया जाएगा।
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दोहरीकरण रेल लाइन का कार्य मार्च 2026 तक पूरा करने का टारगेट
रतलाम में मीडिया से चर्चा करते हुए पश्चिम रेलवे के जीएम गुप्ता ने कहा कि वार्षिक सेफ्टी इंस्पेक्शन (संरक्षा निरीक्षण) होता है। इसके तहत चित्तोड़गढ़ से रतलाम तक के रेल खंड का निरिक्षण किया गया है। ये महत्वूर्ण सेक्शन है, इसमें दोहरीकरण का कार्य चल रहा है? नीमच से रतलाम तक दोहरीकरण का टारगेट मार्च 2026 तक पूरा करने का है। दोहरीकरण के साथ कई महत्वूर्ण परियोजना के कार्य है। दोहरीकरण के तहत किए जा रहे सभी कार्यों का निरीक्षण किया गया है, जो सेफ्टी सम्बन्धी कार्य चल रहे है, वे ठीक है। विंटर सीजन आने वाला है, रेलवे के लिए सेफ्टी की दृष्टि से विंटर सीजन ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसलिए निरीक्षण किया जा रहा है। रतलाम-चित्तोड़गढ़ पहले मीटर गेज सेक्शन था, उसे ब्राडगेज में परिवर्तित किया गया, अब नीमच से रतलाम तक दोहरीकरण किया जा रहा है। नया ट्रैक बनाया जा रहा है। ट्रेन फूल स्पीड में रन की गई, कई जगह ट्रेन से उतरकर भी कार्य देखे, किए जा रहे कार्य से वे संतुष्ट है। कोहरे के संबंध में पूछा गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कोहरे को लेकर हर साल सावधानी बरती जाती है। हमारे लिए सेफ्टी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। कोहरे को लेकर सभी प्रकार का ध्यान रखा जाता है, रतलाम मंडल में अभी कोहरा नहीं आया है, लेकिन आगामी दिनों में हो सकता है। हम उसके लिए तैयार है तथा कोहरे के समय जो दृश्यता कम होती है, उस के लिए ड्राईवरों को कम स्पीड में ट्रेन चलाने के निर्देश दिए जाते हैं।