डीएपी खाद की आवक की खबर से किसानों में उत्साह के साथ बेचैनी भी बढ़ गई है। कई किसान रात 12 बजे से ही मंडियों और कृषि केंद्रों पर पहुंचने लगे, और रविवार सुबह तक वहां भारी भीड़ जमा हो गई। यह दृश्य दिखाता है कि किसान डीएपी खाद के लिए कितने परेशान हैं, क्योंकि इसके बिना फसल की बुवाई असंभव हो जाएगी।
खाद वितरण की जानकारी मिलते ही लंबी कतारें लगने लगीं। सरकार ने हर किसान को 6 बैग खाद देने की घोषणा की है, लेकिन किसानों की भारी संख्या के कारण आपूर्ति कम पड़ने की आशंका है। एक किसान ने बताया कि वह सुबह 8 बजे से कतार में खड़ा है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि खाद कब और कितनी मिलेगी। अगर खाद समय पर नहीं मिली, तो उसकी बुवाई प्रभावित हो जाएगी।
हालांकि सरकार ने वादा किया है कि हर किसान को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन जमीनी हालात इससे उलट हैं। कई किसानों ने शिकायत की है कि खाद की आपूर्ति सीमित है, जबकि मांग अत्यधिक है। किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही अतिरिक्त खाद की खेप पहुंचेगी।
डीएपी खाद की किल्लत ने किसानों के सामने एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है। फिलहाल, खाद की किल्लत से मंडियों और कृषि केंद्रों पर अफरा-तफरी का माहौल है।