सीहोर शहर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रविवार को धर्मांतरण से जुड़ा एक मामला सामने आया। यहां एक मकान में प्रार्थना सभा चल रही थी, जिसमें बाइबिल और अन्य धार्मिक पुस्तकें पढ़ी जा रही थीं। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद माहौल गरमा गया। वायरल वीडियो में स्पष्ट दिखा कि घर में ईसाई धर्म से संबंधित प्रार्थना की जा रही थी और अन्य धर्मों के लोग भी उसमें शामिल थे। हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह सीधे-सीधे धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया है। उनका कहना है कि भोले-भाले लोगों को बहलाकर धीरे-धीरे धर्मांतरण कराया जा रहा है।
बजरंग दल की छापामार कार्रवाई
सूचना पर बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की। इस दौरान बहस भी हुई। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पहले प्रार्थना कराई जाती है, फिर धीरे-धीरे धर्म परिवर्तन की ओर धकेला जाता है। अचानक हुई इस कार्रवाई से सभा में अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस पहुंची मौके पर, 15 लोग थाने लाए गए
मामले की गंभीरता देखते हुए कोतवाली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और 8 पुरुष, 3 महिलाएं व कुछ बच्चों को थाने ले आई। सीएसपी डॉ. अभिनंदन शर्मा ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिनके खिलाफ सबूत मिलेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस आरक्षक भी संदेहियों में मिला
इस घटना में बड़ा खुलासा यह हुआ कि संदेहियों में कोतवाली थाने का एक पुलिस आरक्षक वीरेंद्र अहिरवार भी शामिल था। सूत्रों के अनुसार, वह इस पूरी गतिविधि का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इससे प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पुलिसकर्मी ने किया पाप से छुटकारे का दावा
छापेमारी में पुलिसकर्मी वीरेंद्र अहिरवार भी प्रार्थना सभा में मिला। उसने खुद को पूर्व में रिश्वतखोर, शराबी और कुकर्मी बताते हुए कहा “प्रभु यीशु ने मेरे पाप धो दिए। पहले मैं व्यभिचारी था, पत्नी को पीटता था, लेकिन पिछले 8 साल से मेरी जिंदगी बदल गई है।”
जब्बार खां हाथ में बाइबिल लेकर कर रहा था शांति की प्रार्थना
मौके पर जब्बार खां नामक व्यक्ति भी मिला जो बाइबिल हाथ में लेकर शांति की प्रार्थना कर रहा था। उसके शामिल होने से मामला और पेचीदा हो गया। पूछताछ में कुछ लोगों ने यीशु को परमेश्वर का पुत्र बताते हुए धर्मांतरण से इनकार किया और कहा कि वे सिर्फ प्रार्थना करते हैं।
ईसाई प्रार्थना सभा में गैर धर्म के लोग मिले
वायरल वीडियो में यह स्पष्ट दिखा कि घर में ईसाई धर्म से संबंधित प्रार्थना की जा रही थी और अन्य धर्म के लोग भी उसमें शामिल थे। हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह सीधे-सीधे धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया है। उनका कहना है कि भोले-भाले लोगों को बहलाकर धीरे-धीरे धर्मांतरण कराया जा रहा है।
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हिंदू संगठनों ने की कार्रवाई की मांग
हिंदू संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की गतिविधियां समाज में फूट डालने वाली हैं। यदि प्रशासन ने समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए तो ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ेंगी। संगठनों ने आरोपी की संपत्ति तक ध्वस्त करने की मांग की है।
पुलिस जांच जारी, दोषियों पर होगी कठोर कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सभी 15 लोगों को कोतवाली थाने में पूछताछ के लिए बैठाया। सीएसपी डॉ. अभिनंदना शर्मा ने कहा कि जांच पूरी होने पर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। घटना ने शहरभर में धार्मिक बहस और आक्रोश को हवा दे दी है।