{"_id":"6745d32c9099b2f2df031feb","slug":"when-ejavel-came-to-dhanpuri-from-abroad-to-teach-foreign-languages-she-was-training-children-shahdol-news-c-1-1-noi1220-2355065-2024-11-26","type":"video","status":"publish","title_hn":"Shahdol News: जब विदेशी भाषा सिखाने विदेश से धनपुरी आ गईं इजाबेल, बच्चों को कर रहीं प्रशिक्षित","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Shahdol News: जब विदेशी भाषा सिखाने विदेश से धनपुरी आ गईं इजाबेल, बच्चों को कर रहीं प्रशिक्षित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Tue, 26 Nov 2024 08:48 PM IST
Link Copied
एक विदेशी महिला का भारतीय युवक का देश प्रेम व अपने क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने की भावना ने उस महिला को भारत आने को विवश कर दिया। भारतीय युवक की सहकर्मी बेल्जियम के ब्रसेल्स शहर से भारत आने को मजबूर हो गयीं। अपनी जिज्ञासा को शांत करने वह सात समंदर पार कर धनपुरी चली आईं। अब वह यहां शिक्षक तथा बच्चों को स्पेनिश व फ्रेंच भांषा सिखा रहीं हैं। बेल्जियम से करीब 7 हजार किलोमीटर का सफर तय कर मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के धनपुरी आने वाली 59 वर्षीय इजाबेल रबादान के इस यात्रा का उद्देश्य भी बड़ा रोचक है। लगभग पन्द्रह दिनों तक यहां ट्रेनिंग देने के बाद वह अपने देश बेल्जियम लौट जाएंगी। इसके बाद फिर वह आनलाइन ट्रेनिंग देगी।
इस बारे में यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में रहने वाले धनपुरी निवासी मोहम्मद आरिफ ने विस्तृत रूप में बताया कि मैं पिछले 18 वर्षों से भारत से बाहर रहकर फायनेंस सेक्टर में काम कर रहा हूँ। उन्होंने मेरी बताया कि हमारे वजीर एजुकेशन फाउन्डेशन द्वारा इस वर्ष से धनपुरी नगर के वार्ड नम्बर 17 माइकल चौक में एक स्कूल की शुरुआत की है। जिसका नाम भी हम लोगों ने नगर के नाम यानी धनपुरी पब्लिक स्कूल (डीपीएस) रखा है। जहां शिक्षा से लेकर ड्रेस ,किताब सब कुछ निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है। साथ ही अगले माह 2 दिसंबर से बच्चों को निःशुल्क भोजन व नाश्ता भी उपलब्ध कराया जाने लगेगा।
उन्होंने बताया कि स्कूल की प्रधानाध्यापक रीना चक्रवर्ती एवं मैनेजमेंट हेड अनीक आहमद अपने सहयोगी शिक्षकों के साथ इस स्कूल का बखूबी संचालन कर रहें हैं। धनपुरी में स्कूल आगमन पर इजाबेल का भारतीय परंपरा अनुसार प्रधानाध्यापक चक्रवर्ती द्वारा आरती उतारकर स्वागत किया गया, जिसे देख इजाबेल भी भारतीय परंपरा की कायल हो गयी और स्कूल स्टाफ को धन्यवाद ज्ञापित किया। हमारी इन गतिविधियों पर मेरी कंपनी की सहकर्मी इजाबेल काफी समय से नजर रख रहीं थी, आखिरकार एक दिन जब उनसे रहा नहीं गया तो उन्होंने पूछा आप इतने वर्ष से यहाँ रह रहे हो फिर भी आप अपने शहर के बच्चों की शिक्षा के बारे में इतना गंभीर हो।
आप की अपने स्कूल के प्रति इतनी रूचि को देखने के बाद मेरे अंदर भी आपके स्कूल को देखने और वहाँ के बच्चों से मिलने की इच्छा जागृत हो गयी है। इजाबेल ने कहा कि वह धनपुरी में मौजूद आपकी स्कूल के बच्चों को फ्रेंच व स्पेनिश भांषा सिखाना चाहती है। इसके लिए वह भारत आकर आपकी स्कूल के टीचर को ट्रेनिंग देने के लिए भी तैयार है।
सहमति मिलने के बाद बीते 15 नवंबर को इजाबेल बेल्जियम के ब्रसेल्स शहर से भारत पहुंची। दिल्ली आने के बाद फिर वह वहाँ से धनपुरी तक पहुंची। यहां आने के बाद वह प्रतिदिन स्कूल टाइम में अपने तय शेड्यूल के मुताबिक़ फ्रेंच व स्पेनिश भांषा की ट्रेनिंग दे रही हैं। भारत आईं इजाबेल ने बताया कि वह 15 दिनों के भ्रमण के बाद वापस अपने देश जरूर लौट जाएंगी, लेकिन अब यह धनपुरी शहर और यह धनपुरी पब्लिक स्कूल उनके दिल में बस चुका है, वह यहां से जाने के बाद भी टीचर व बच्चों को आनलाइन ट्रेनिंग देते रहेंगी।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।