एमपी के सिंगरौली जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने खुद को मुख्य सचिव, भोपाल बताकर कलेक्टर को धोखा देने की कोशिश की। आरोपी ने कलेक्टर गौरव बैनल के सरकारी नंबर पर पहले एसएमएस भेजा — “कलेक्टर, मैं मुख्य सचिव भोपाल से बात करना चाहता हूं”, फिर फोन कर कहा — “कलेक्टर साहब, मैं मुख्य सचिव भोपाल बोल रहा हूं, दो लोग आपसे मिलने गए हैं, उनका काम कर दीजिए।”
कलेक्टर को बातचीत के दौरान शक हुआ कि कॉल फर्जी है। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) से करोड़ों की स्वीकृति कराने आए दो व्यक्तियों को कलेक्ट्रेट परिसर से ही गिरफ्तार कर लिया। बाद में पुलिस ने भोपाल से फर्जी “मुख्य सचिव” बने युवक को भी गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी युवक का नाम सचिन मिश्रा (24 वर्ष) है, जो भोपाल का निवासी और कंप्यूटर साइंस का स्नातक है। उसने अपने पिता बी.पी. मिश्रा और रिश्तेदार सचिन्द्र तिवारी के साथ मिलकर यह धोखाधड़ी की योजना बनाई थी। उद्देश्य था डीएमएफ मद से करोड़ों रुपये के काम की स्वीकृति हासिल करना।
25 अक्टूबर को सचिन ने भोपाल से कॉल कर अपने पिता और रिश्तेदार को सिंगरौली कलेक्ट्रेट भेजा था। पुलिस ने फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया। थाना बैढ़न में उनके खिलाफ अपराध क्र. 1161/2025, धारा 204, 319 बीएनएस और 66(D) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।