बुंदेलखंड के माथे पर लगी पलायन की त्रासदी के कलंक से अब मिलेगी मुक्ति। इसे रोकने के लिए आजादी के बाद टीकमगढ़ के कलेक्टर ने भी कमर कस ली है कि वह अपने जिले से पलायन नहीं होने देंगे। इसी को लेकर वह गांव-गांव मुनादी करा रहे हैं और गारंटी दे रहे हैं, लोगों को रोजगार की। कलेक्टर का कहना कि हम किसी भी कीमत पर ग्रामीण अंचलों से जिले में पलायन नहीं होने देंगे और लोगों को रोजगार देंगे।
बुंदेलखंड में पलायन एक त्रासदी रही है। आज से नहीं सदियों से लोग रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन करते आ रहे हैं। राजनेताओं ने भी इसे खूब भुना चुनावी मुद्दों में इस मुद्दे को लेकर राजनेता जनता के बीच गए और गांव से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में चमके, लेकिन केंद्र में मंत्री और मुख्यमंत्री रहने के बाद भी बुंदेलखंड के लिए ऐसी कोई बड़ी सौगात नहीं दी, जिससे कि यहां का पलायन रुक सके।
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टीकमगढ़ कलेक्टर विवेक श्रोतिय इस मामले को गंभीरता से लेकर काम कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले ब्लॉक बाय ब्लॉक सरपंचों के साथ बैठक की और आंकड़े निकाले कि किस गांव से कितना पलायन होता है, इसके बाद उन्होंने सरपंचों को जिम्मेदारी दी कि इस बार फसल कटने के बाद ग्रामीण क्षेत्र से पलायन नहीं होना चाहिए। उन्होंने सरपंचों को निर्देश दिए हैं कि वह 90 दिन का रोजगार देंगे और उसकी वीडियोग्राफी करेंगे, जिससे कि लोग पलायन न कर सकें। कलेक्टर कहते हैं कि पलायन की त्रासदी को मैंने अपनी आंखों से देखा है और अनुभव किया है कि दो वक्त की रोटी के लिए महानगरों में बुंदेलखंड के मजदूरों के साथ क्या-क्या दुर्दशा की जाती है।
गांव-गांव में कराई जा रही है मुनादी
टीकमगढ़ जिले के ब्लॉक जतारा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बेरवार में सोमवार की सुबह मुनादी कराई गई। बार-बार के सरपंच सुरेंद्र सिंह दांगी कहते हैं कि बैठक के दौरान टीकमगढ़ कलेक्टर ने गांव को पलायन के लिए चिन्हित किया था। उन्होंने बताया कि इस गांव से करीब 40 परसेंट पलायन प्रतिवर्ष फसल कटने के बाद हो जाता है। इसके बाद उन्होंने बताया कि कलेक्टर के आदेश पर आज गांव में मुनादी करा दी गई है और घर-घर जाकर के मजदूरों को समझाया जा रहा है कि आपको 90 दिन की गारंटी दी जा रही है। आप यहीं पर काम करिए। उन्होंने कहा कि इसके परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं और मजदूर अब पलायन न करने की बात कर रहे हैं। टीकमगढ़ कलेक्टर ने बताया कि जिले में चार ब्लॉक हैं। जहां से लगातार पलायन होता रहा है, उसे रोकने के लिए इस अभियान का नाम दिया गया है।
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पलायन पर बार गांव में रोजगार
उन्होंने बताया कि टीकमगढ़ जिले के पलेरा ब्लॉक की 16 ग्राम पंचायत जतारा ब्लॉक की 23 बल्देवगढ़ की 20 और टीकमगढ़ की 16 ग्राम पंचायत को चिन्हित किया गया है। जहां पर प्रतिवर्ष फसल कटाई के बाद 20 से लेकर 40% तक लोग रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं। उन्होंने बताया कि इन ग्रामों में मनरेगा के तहत निर्माण कार्य शुरू किए गए हैं। इसके साथ ही गंगाजल संवर्धन अभियान के तहत कार्यों को शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि इन सभी ग्राम पंचायत में पीडब्ल्यूडी और आरईएस को भी आदेश किया गया है। निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद ग्रामीण अंचलों में जाकर मजदूरों से बात की और इसके बाद पूरा प्लान तैयार किया गया है। उसके बाद ब्लॉक में जाकर ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिवों के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी भी लापरवाही की गई तो तुरंत मामला दर्ज कराया जाएगा।
दो रोजगार सहायक की सेवाएं समाप्त
मनरेगा में गड़बड़ी की चलते टीकमगढ़ कलेक्टर ने पिछले सप्ताह के दौरान दो रोजगार सहायकों की सेवाएं समाप्त कर दी है। इनके द्वारा फर्जी आहरण किया गया था। इससे स्पष्ट की टीकमगढ़ कलेक्टर कार्यों के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।