देशभर में दीपावली का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में यह पर्व विशेष परंपरा के साथ शुरू होता है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले दीपावली का पर्व मनाने की परंपरा है। सोमवार सुबह भस्म आरती में भगवान महाकाल का विशेष शृंगार और पूजा-अर्चना कर दीपावली का शुभारंभ किया गया।
सोमवार सुबह महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान दिवाली मनाई गई। सुबह भस्म आरती के दौरान सबसे पहले पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को केसर और चंदन का उबटन लगाया। फिर गर्म पानी से भगवान का स्नान हुआ। इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती उतारी गई और दीपावली का पर्व मनाया गया। आज सुबह भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराकर उबटन लगाया गया। फिर पंचामृत अभिषेक के बाद भस्म अर्पित की गई। इसके बाद भगवान महाकाल का विशेष शृंगार कर उन्हें अन्नकूट का भोग भी लगाया गया।
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भस्म आरती के दौरान मंदिर के पुजारी पं महेश पुजारी और श्रद्धालुओं ने फुलझड़ियां जलाकर दीपावली का पर्व मनाया। इस अनूठे आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दरबार में पहुंचे थे। उज्जैन महाकाल के दरबार में दीपावली का पर्व मनाना भक्तों के लिए काफी खास होता है। श्रद्धालु मानते हैं कि भगवान महाकाल के साथ दीपावली का पर्व मनाकर वे खुद को धन्य पाते हैं। इस भव्य आयोजन के साथ ही आज देशभर में दीपावली का पर्व मनाने की शुरुआत हो गई है। आज श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति की ओर से एक फुलझड़ी जलाने की अनुमति दी गई थी, जिसका पालन श्रद्धालुओं के द्वारा किया गया।