बीती रात बमेरा गांव में एक जंगली हाथी ने जमकर उत्पात मचाया। पतौर गांव की ओर से आया यह हाथी खेतों से होते हुए बमेरा गांव पहुंचा और कई घरों में तोड़फोड़ कर दी। इस घटना ने पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया, लेकिन अफसोस की बात यह रही कि ग्रामीणों की बार-बार की सूचना के बावजूद वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची।
ग्रामीणों के अनुसार, हाथी देर रात गांव में घुसा और सबसे पहले नंद लाल प्रजापति के घर पर हमला किया। हाथी ने घर की दीवार और दरवाजे तोड़ दिए और अंदर रखी पूरी राशन सामग्री को बर्बाद कर दिया। नंद लाल का परिवार पूरी रात भय के साए में जागता रहा। उनका कहना है कि हाथी घर के अंदर तक घुस आया और वहां रखे अनाज, आटा, दाल और अन्य सामान को तहस-नहस कर दिया।
इसी तरह, गांव के ही विश्राम बैगा के मकान को भी हाथी ने हिलाया और चारों ओर नुकसान पहुंचाया। हालांकि, यहां किसी के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन मकान की संरचना को क्षति जरूर हुई है। कई अन्य घरों के आंगन और बाड़ को भी हाथी ने तोड़ दिया।
ये भी पढ़ें- कानपुर हत्या के मुख्य आरोपी ने सतना में की खुदकुशी, सुसाइड नोट में किया सनसनीखेज खुलासा
ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही हाथी गांव में घुसा, उन्होंने तुरंत वन विभाग को फोन कर सूचना दी। एक के बाद एक कई कॉल किए गए, लेकिन विभाग की ओर से सिर्फ यह जवाब मिला अभी रात है, सुबह देखेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यह गैर-जिम्मेदाराना रवैया है, क्योंकि हाथी के गांव में होने से किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता था। गांव वालों का कहना है कि जंगली हाथियों का यह उत्पात नई बात नहीं है। पिछले कुछ महीनों से क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही बढ़ गई है, लेकिन वन विभाग की ओर से समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। रात में गश्त या तत्काल राहत दल भेजने की व्यवस्था भी नहीं है, जिससे ग्रामीण खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें- कटनी की बेटी अर्चना तिवारी के लिए खोज तेज, यूथ कांग्रेस ने रखा बड़ा इनाम, विधायक ने की ये बड़ी मांग
घटना के बाद ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग जल्द से जल्द प्रभावित घरों का सर्वे कर मुआवजा दे और हाथियों के आतंक से बचाव के लिए स्थायी व्यवस्था करे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले भी कई बार विभाग को लिखित और मौखिक शिकायत की गई है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला है। अब लोगों को डर है कि अगर ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहीं तो किसी दिन जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है।