अलवर जिले के नोगांवा क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटना में नोगांवा के मानकी गांव के पास एक 33 वर्षीय युवक पर एक आवारा कुत्ते ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस हादसे ने एक बार फिर जिले में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या और प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर किया है।
डम्पर से मलबा खाली करते समय हुआ हमला
जानकारी के मुताबिक, यह दिल दहला देने वाली घटना तब हुई जब पीड़ित युवक, महेंद्र कुमार, अपने कुछ साथियों के साथ नोगांवा के पास एक डम्पर से मलबा खाली कर रहा था। अचानक एक आवारा कुत्ता वहां पहुंचा और उसने वहां मौजूद लोगों पर हमला बोल दिया। महेंद्र ने बताया कि कुत्ता पहले उनके एक साथी पर झपटा, जिसे मामूली खरोंचें आईं। लेकिन जब महेंद्र ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो कुत्ता उन पर टूट पड़ा। कुत्ते ने उनके चेहरे को बुरी तरह नोंच डाला और उनकी आंख पर भी हमला किया। महेंद्र ने कहा कि हम डम्पर खाली कर रहे थे, तभी अचानक एक कुत्ता आ गया। पहले साथी पर झपटा, फिर मुझ पर हमला कर दिया। मेरे चेहरे को बुरी तरह नोच डाला। आंख का थोड़ा ही हिस्सा बच पाया, नहीं तो पूरा चेहरा फट जाता।
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गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
हमले के बाद आसपास मौजूद लोगों ने किसी तरह कुत्ते को भगाया और घायल महेंद्र को तुरंत नजदीकी जिला अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने महेंद्र की हालत को गंभीर बताया है, खासकर उनके चेहरे पर लगे गहरे घावों को देखते हुए। उनकी आंख को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है, हालांकि किस्मत से आंख पूरी तरह बची रही। फिलहाल महेंद्र का इलाज चल रहा है, लेकिन इस घटना ने उनके परिवार और स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया है।
जिले में बढ़ता आवारा कुत्तों का आतंक
अलवर जिले में आवारा कुत्तों की समस्या अब विकराल रूप ले चुकी है। आए दिन कोई न कोई व्यक्ति, खासकर बच्चे, इन कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं। नोगांवा की यह घटना कोई पहली घटना नहीं है। जिले में पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां आवारा कुत्तों ने लोगों को गंभीर रूप से घायल किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन इस समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। नतीजन आवारा कुत्तों की संख्या और उनका आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर बच्चों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक हो गई है, क्योंकि वे इन हमलों का आसान शिकार बन रहे हैं।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
इस ताजा घटना के बाद नोगांवा और आसपास के इलाकों में भय का माहौल है। स्थानीय लोग डर के साए में जी रहे हैं और प्रशासन से आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान या ठोस योजना सामने नहीं आई है, जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ रहा है।
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महेंद्र कुमार ने अस्पताल में अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि यह बहुत डरावना था। कुत्ता इतनी तेजी से हमला कर रहा था कि कुछ समझ ही नहीं आया। मेरे चेहरे पर गहरे घाव हैं और आंख के पास भी चोट आई है। मैं चाहता हूं कि प्रशासन इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करे, ताकि कोई और इस तरह की घटना का शिकार न हो।