अलवर जिले के प्रतापगढ़ क्षेत्र के झिरी गांव में सरिस्का वन क्षेत्र की सीमा में निर्धारित खनन लीज के बाहर अवैध खनन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। झिरी में कुछ खनन संचालक नियमों की परवाह किए बिना वन भूमि में पाल तोड़ कर खनन कर रहे हैं। सबसे गंभीर आरोप ओम शुभम हाउसिंग एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पर लगे हैं, जिसने कलसीकाला ग्वाडा क्षेत्र में एम.एल. नंबर 258/89 पर संचालित खनन लीज के अंतर्गत कथित तौर पर नियमों का खुला उल्लंघन किया है।
प्रशासन की मेहरबानी से एक कंपनी को राहत, बाकी संचालक परेशान
जानकारी के मुताबिक, 22 खनन पट्टाधारकों ने इस मुद्दे को लेकर जिला कलेक्टर, सीसीएफ, माइनिंग विभाग सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। उनका आरोप है कि प्रशासन की ओर से एक विशेष खनन कंपनी को विशेष राहत दी जा रही है, जबकि अन्य संचालक नई गाइडलाइन के तहत लाचार बने हुए हैं। यह प्रशासन की निष्पक्षता और कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
यह भी पढ़ें- Jaipur Rural: खाटूश्यामजी दर्शन को जा रही कार ट्रक से टकराई, भीषण हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत, दो गंभीर
वनों और वन्यजीवों को खतरा
झिरी मार्बल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मुकेश चौधरी ने बताया कि ओम शुभम कंपनी को 12 अप्रैल 2022 को नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (NBWL) से वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस प्राप्त हुआ था, लेकिन कंपनी ने इसके बाद निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया। खनन क्षेत्र में आवश्यक पौधरोपण नहीं किया गया और रात में लगातार ब्लास्टिंग की जा रही है, जिससे न केवल वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है, बल्कि सरिस्का क्षेत्र के वन्यजीवों की सुरक्षा भी खतरे में है।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन
आरोप यह भी है कि कंपनी ने खनन क्षेत्र के पास स्थित एक नाले को भी रोक दिया है और वहां खनन का मलबा डाला गया है। यह नाला बारिश के मौसम में जल प्रवाह का मुख्य मार्ग होता है, जिसकी अवरुद्धता पर्यावरणीय संतुलन को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन के बावजूद इस प्रकार की गतिविधि खुलेआम हो रही है।
बिना अनुमति अवैध फैक्ट्री का संचालन, प्रशासन मौन
इतना ही नहीं, दक्षिणी सीमा पर बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के एक फैक्ट्री भी स्थापित कर दी गई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इस जमीन का भू उपयोग परिवर्तन तक नहीं कराया गया है, फिर भी खनन प्रक्रिया से जुड़ी गतिविधियां निर्बाध रूप से संचालित हो रही हैं।
यह भी पढ़ें- RBSE 10th Result 2025: लाखों विद्यार्थियों का इंतजार खत्म! राजस्थान 10वीं बोर्ड रिजल्ट होगा जारी, ऐसे करें चेक
‘नहीं रुकी गतिविधियां तो करेंगे आंदोलन’
खनन श्रमिक यूनियन के उपाध्यक्ष ने साफ कहा है कि यह खनन न केवल पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इसमें श्रमिकों की सुरक्षा को भी अनदेखा किया जा रहा है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे। शिकायतकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि कंपनी की वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस को तत्काल रद्द किया जाए और खनन लीज को निरस्त किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे न्यायालय की शरण लेंगे।
इस दौरान ज्ञापन देने वालों में राजेन्द्र सिंह नरूका, पृथ्वी सिंह राठौड़, राहुल मीणा, राकेश मीणा, जेपी शर्मा, राधेश्याम दीक्षित, डॉ. कामिल, हनुमान नायक और विजेंद्र गुप्ता सहित कई अन्य लीज संचालक भी मौजूद रहे।