अलवर में अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर अलवर जिला कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को जिला मुख्यालय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कटी घाटी से शुरू हुआ कांग्रेस का यह आक्रोशपूर्ण जुलूस नारेबाजी करते हुए मिनी सचिवालय तक पहुंचा और पूरा शहर अरावली बचाओ–देश बचाओ के उद्घोष से गूंज उठा।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, पदाधिकारी और आम नागरिक शामिल हुए। उन्होंने भाजपा सरकार पर अरावली को नुकसान पहुंचाने, अवैध खनन को बढ़ावा देने और विकास के नाम पर प्रकृति का सौदा करने के गंभीर आरोप लगाए। जुलूस का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भंवर, जितेंद्र सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने किया। कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां, बैनर और पोस्टर लेकर अरावली को बचाने का संकल्प दोहराया।
मिनी सचिवालय के बाहर सभा को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अवैध खनन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन भाजपा सरकार आंखें मूंदे बैठी है। उन्होंने कहा कि अरावली बचेगी तो पानी बचेगा, पर्यावरण बचेगा और आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी। कांग्रेस इस विनाश को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार उद्योगपतियों और माफियाओं के दबाव में आकर पर्यावरण विरोधी फैसले ले रही है। उन्होंने कहा, “केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस शासन में अरावली को नुकसान पहुंचाने का कोई काम नहीं किया। उल्टा, भाजपा सरकार के कार्यकाल में अवैध और तथाकथित वैध खनन के नाम पर पहाड़ों को छलनी किया जा रहा है। डोटासरा ने चेताया कि यह लड़ाई केवल अलवर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राजस्थान और देश के भविष्य की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने अपनी नीतियां नहीं बदलीं, तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष तेज करेगी।
सभा के दौरान कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अरावली हमारी शान है, इसे बचाना हमारा अभियान है, पहाड़ नहीं बिकने देंगे, और भाजपा सरकार होश में आओ जैसे नारों से माहौल गर्म रहा।
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प्रदर्शन के अंत में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए अरावली क्षेत्र में हो रहे खनन की उच्च स्तरीय जांच, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सख्ती से पालना और पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कानून बनाने की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने चेताया कि यदि सरकार ने इन मांगों को नजरअंदाज किया, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
कुल मिलाकर, अलवर में हुआ यह प्रदर्शन सिर्फ एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि अरावली पर्वतमाला और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने की मजबूत आवाज बनकर उभरा। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया कि “अरावली बचाओ–देश बचाओ” केवल नारा नहीं, बल्कि निर्णायक संघर्ष है, जिसे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।