राष्ट्रीय राजमार्ग 927-ए पर डूंगरपुर जिले के आंतरी गांव में एक लेपर्ड सूअर का शिकार करने के लिए पीछे दौड़ा। इस दौरान सूअर तो कुएं में गिर ही उसके पीछे-पीछे लगा तेंदुआ भी खुद को संभाल नहीं पाया और कुए जा गिरा। गनीमत रही कि कुएं में पानी था। पानी की वजह से दोनों सुरक्षित तैरते रहे उन्हें चोट नहीं लगी। इस दौरान तेंदुआ अपनी जान बचाने के चक्कर में अपने शिकार को भूल गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर सुरक्षित रेस्क्यू किया।
डूंगरपुर वन मंडल के आंतरी रेंज के तहत आंतरी गांव में हनुमान मंदिर के पीछे एक कुआं स्थित है। कुएं से सुबह लेपर्ड के दहाड़ने की आवाजें लोगों को सुनाई दी। लोगों ने करीब 30 फीट गहरे कुएं के भीतर देखा तो उसमें एक लेपर्ड और एक सूअर गिरा हुआ था। एक ही कुएं में लेपर्ड और सूअर के गिरने की खबर फैलते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई।
ये भी पढ़ें-
Pahalgam Terror Attack: मंत्री शेखावत ने नीरज उधवानी को दी श्रद्धांजलि, बोले- कायरतापूर्ण हमले का देंगे जवाब
पानी के कारण सुरक्षित
कुएं में करीब 2 फीट तक पानी भरा हुआ था। जिससे दोनों सुरक्षित रहे। लोगों ने अनुमान लगाया कि सूअर का शिकार करते समय पीछे भागने से दोनों कुएं में का गिरे। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी वन विभाग और पुलिस को दी। सूचना पर वरदा थाना पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। सुरक्षा के आवश्यक कदम उठाने के बाद वन विभाग की टीम ने उदयपुर से ट्रंकुलाइज टीम को बुलाया। हालांकि टीम के आने से पहले ही वनकर्मियों ने रस्सी बांधकर एक पिंजरा कुएं में उतारा। लेपर्ड के पिंजरे में जाने पर उसे खींचकर बाहर निकाला। इसी तरह से सूअर का भी रेस्क्यू किया।
ये भी पढ़ें-
Pahalgam Terror Attack: जयपुर में नीरज उधवानी का अंतिम संस्कार आज, श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम भजनलाल
आसपास तैरते रहे
कुएं में गिरने के बाद अपनी जान बचाने के लिए सूअर और लेपर्ड थोड़ी - थोड़ी दूरी पर तैरते रहे। लेपर्ड ने सूअर पर हमला करने की कोशिश तक नहीं की। उल्लेखनीय है कि बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले में लेपर्ड की संख्या बहुतायत में है। गर्मी में पेयजल और शिकार की तलाश में वह आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं।