श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वावधान में शुक्रवार को बाड़मेर शहर में ऐतिहासिक 500 तपस्वियों का भव्य वरघोड़ा निकाला गया। यह आयोजन जैन समुदाय में जबरदस्त उत्साह लेकर आया और थार नगरी के लिए यह दिन यादगार बन गया।
वरघोड़ा शुक्रवार सुबह केयुप भवन मोक्ष मार्ग से प्रारंभ हुआ। खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वर मारासा की पावन निश्रा तथा बहिन मारासा साध्वी डॉ. विद्युत्प्रभाश्री एवं श्रमण-श्रमणीवृंद के पावन सानिध्य में यह विशाल जुलूस निकला। इसमें जैन समाज के पुरुषों, महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
वरघोड़े में हाथी, घोड़े, बग्घियां और ट्रैक्टरों पर सवार तपस्वी शामिल थे, जिससे दृश्य अत्यंत भव्य हो गया। जुलूस केयुप भवन से रवाना होकर पीपली चौक, जवाहर चौक, छोटी ढाणी, प्रतापजी पोल, करमुजी की गली और स्कूल नंबर 04 से होते हुए गुजरा। मार्ग में स्थानीय लोगों ने तपस्वियों का स्वागत किया और इस धार्मिक आयोजन में अपनी भागीदारी निभाई। वरघोड़ा अंत में कोटड़िया-नाहटा ग्राउंड पर समाप्त हुआ।
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कोटड़िया-नाहटा ग्राउंड पर 51 उपवास, 41 उपवास और 30 उपवास मासक्षमण के तपस्वियों का सम्मान श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी द्वारा किया गया। यह सम्मान समारोह तपस्वियों की तपस्या और समर्पण को श्रद्धांजलि देने का एक अनूठा प्रयास था। वरघोड़े के बाद, श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी ने जैन श्री संघ की आज्ञा से कुशल वाटिका में संघ स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया। इस स्नेह भोज में जैन समाज के लोगों ने एक साथ भोजन कर आपसी भाईचारे और एकता का परिचय दिया।
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