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Bundi News: Finance Company’s High-Handedness, Seized House in Debtor’s Absence and Forcibly Evicted Family
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Bundi News: फाइनेंस कंपनी की मनमानी, कर्जदार की अनुपस्थिति में मकान सीज कर परिवार को जबरन निकाला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बूंदी Published by: बूँदी ब्यूरो Updated Wed, 12 Mar 2025 08:49 AM IST
बूंदी में एक निजी फाइनेंस कंपनी ने रेलवे स्टेशन के सामने श्रीराम कॉलोनी में सोमवार को एक मकान को अचानक सीज कर दिया। मकान सीज करते समय फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने परिवार को मकान से खाने-पीने के सामान और बच्चों की किताबें और दस्तावेज निकालने का भी मौका नहीं दिया।
बाहर किए गए परिवार की दसवीं बोर्ड में अध्ययनरत दो छात्राओं के प्रवेश पत्र भी सीज मकान में ही रह गए। दोनों छात्राओं की बुधवार को परीक्षा है। ऐसे में प्रवेश पत्र के लिए दो दिन से दोनों छात्राएं प्रमिला व प्रियंका शर्मा सीज मकान के बाहर ही बैठी हैं।
मामले में पीड़ित परिवार ने मंगलवार को राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा से मदद मांगी, जिसके बाद शर्मा ने मौके पर पहुंचकर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ओमप्रकाश गोस्वामी व बूंदी जिले के माध्यमिक परीक्षा प्रभारी चंद्रप्रकाश राठौर से बात करके छात्राओं का भविष्य बचाने के लिए पुनः प्रवेश पत्र जारी करवाकर परीक्षा दिलवाने की मांग रखी। छात्राओं ने शर्मा को जिला शिक्षा अधिकारी के नाम ज्ञापन भी दिया, जिसे शर्मा ने तत्काल मेल व व्हाट्सएप के माध्यम से शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के लिए भेज दिया।
पीड़ित परिवार की महिला सुलेखा शर्मा ने बताया कि सोमवार को वह घर पर अपने परिवार व बच्चियों के साथ थी। उनके पति उस समय घर पर नहीं थे। बिना पूर्व सूचना के कर्जदार की अनुपस्थिति में ही फाइनेंस कंपनी वाले जबरदस्ती घर में घुस गए और छोटी बच्ची सहित पूरे परिवार को घर से जबरन बाहर निकाल दिया। जरूरी खाने-पीने का सामान और बच्चों के प्रवेश पत्र भी नहीं निकालने दिए। ऐसे में पूरा परिवार दो दिन से भूखा है और मकान के बाहरी खुले में रह रहा है।
राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने मकान सीज करने वाली कंपनी के अधिकारी को फोन कर छात्राओं की परीक्षा के समय मकान सीज करने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कर्जदार की अनुपस्थिति में महिलाओं व बच्चों को जबरन घर से बाहर निकालकर मकान सीज करना अमानवीय है, जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वे इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में करेंगे।
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