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वीडियो: देवता को राजी न कर पाने पर पुजारी की जाती है कुर्सी
वीडियो डेस्क, अमर उजाला, शिमला/मंडी Published by: अरविन्द ठाकुर Updated Fri, 29 Jan 2021 06:18 PM IST
Himachal Pradesh में सांस्कृतिक राजधानी के लिए विख्यात Mandi जिले में आज भी देव परंपरा कायम है। बारिश-बर्फबारी के लिए देवताओं को राजी न कर पाने वाले गूर (पुजारी) की कुर्सी चली जाती है। इस अनूठी परंपरा का आज भी निर्वाह हो रहा है। पर्याप्त बारिश-बर्फबारी न होने से सूख रही फसलों से नाराज Mandi जिले की Kamrughati के हटगढ़ और नंदगढ़ के किसान-बागवान kamrunag के पुत्र देव लटोगली के दरबार में पहुंचे। मान्यता के अनुसार यदि गूर दौलत राम ने देवताओं को मनाकर बारिश नहीं करवाई तो उनकी कुर्सी चली जाएगी। देवता को मनाने के लिए किसान गूर से धूप दिला रहे हैं। ऐसे में Mandi के आराध्य Dev kamruna कमरूनाग और उनके पुत्र लटोगली आज भी मौसम विशेषज्ञों पर भारी पड़ रहे हैं। मौसम विभाग की हाईटेक मशीनरी को दरकिनार कर लोग बारिश-बर्फबारी के लिए देव दरबार पहुंचते हैं। बीडीओ निशांत शर्मा का कहना है कि ऐसी प्राचीन मान्यताएं अब भी कायम है, जिसका लोग सम्मान करते हैं।
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