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Video : अमेठी में पानी में डूबी धान की फसल, शुरू हुआ जमाव
अमेठी में पांच दिनों से बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों और खलिहान में पड़ी धान की फसल भरे पानी में डूब गई है। इसके साथ ही खड़ी धान की फसल हवा से गिर गई है। किसानों को बोई गई आलू संग तिलहन व दलहन की फसल खराब होने की चिंता सता रही है। किसानों के अनुसार, अगर बारिश बंद नहीं हुई तैयार धान की फसल व बोई गई फसल बर्बाद हो जाएगी।
जिले में 5.12 लाख बीघा धान की फसल, 88 हजार बीघा सरसों, तोरिया 19,200 बीघा, 22000 बीघा मटर, 8000 बीघा चना की बोआई होती है। इसके अलावा 18000 बीघा आलू, 2360 बीघा सब्जी मटर, 1000 बीघा पर सब्जी की खेती की गई है। वहीं 4.64 लाख बीघा पर गेंहू की बोआई होगी। इस समय धान की फसल पक कर तैयार होने से किसान कटाई कर दिए हैं। बूंदाबांदी शुरू होने से पहले किसानों ने धान की कटाई व मड़ाई तेज की थी। इसके साथ ही आलू, मटर, चना, सरसों, अलसी आदि फसलों की बोआई शुरू कर दी थी।
बड़ी संख्या में किसानों ने मजदूर लगाकर धान की कटाई करा दी है, जो खेत व खलिहान में पड़ी है। बीते पांच दिनों से बदले मौसम और बूंदाबांदी ने किसानों को परेशान कर दिया है। बृहस्पतिवार से लगातार हो रही बूंदाबांदी ने किसानों की समस्या बढ़ा दी है। दो दिन से सूर्य के दर्शन नहीं हुए। मौसम विशेषज्ञ प्रोफेसर अमरनाथ मिश्र ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते बदलाव आया है। आगामी 24 घंटे में बूंदाबांदी संग हल्की बारिश होने की संभावना है।
खेतों से निकाल रहे पानी, लागत चली जाने की चिंताकिसान वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पांच दिनों से हो रही लगातार बूंदाबांदी व बारिश के कारण खेत में कटी पड़ी धान की फसल पानी में डूब गई है। कहा कि अगर बारिश बंद नहीं हुई तो जमापूंजी चली जाएगी। किसान बंशीलाल शुक्रवार सुबह बूंदाबांदी के बीच खेत में भरा पानी निकालने की जुगत कर रहे थे।
बताया कि तीन बीघा धान की कटाई कर खेत में सूखने के लिए छोड़ा था, लगातार मौसम खराब होने व बारिश से खेत में पानी भर गया है। करीब 60 हजार से अधिक की का नुकसान होने से निवाला छिन जाएगा। किसान हरीराम ने बताया कि खेत में पड़ी धान की फसल डूब गई है। परिजनों संग पानी निकालने की कवायद की जा रही है। बताया कि आलू, मटर, चना, सरसों आदि की बोआई करा दी है। बारिश से बीज का जमाव सही नहीं होगा। अगर यही हाल रहा तो दोबारा बोआई करानी पड़ेगी।
बोई गई फसनों में जमाव पर पड़ेगा असर
कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. नवनीत कुमार मिश्र ने बताया कि बारिश के कारण हाल में बोई गई आलू संग तिलहन व दलहन के बीजों का जमाव कम होगा। बताया कि जब तक मौसम साफ न हो जाए धान की कटाई स्थगित कर दें। खेतों में पड़ी धान की फसल को भी सहेजने का प्रयास करें।
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