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यूपीसीडा, राजस्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में निपटा रास्ते का विवाद
किसानों और दिल्ली के उद्यमी के बीच रास्ते को लेकर चल रहा विवाद यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक, नायब तहसीलदार व पालिका टीम की मौजूदगी में निपट गया। किसानों के लिए 14 फीट का रास्ता छोड़ दिया गया। एक फीट चौड़ाई की जमीन उद्यमी ने किसानों की मांग पर अपनी मर्जी से छोड़ दी। जेसी से मौके पर ठियाबंदी करा दी गई।
यूपीसीडा ने औद्योगिक क्षेत्र के फेज-2 में भूखंड सी-1 मैसर्स बाहुबली रोस्टर फ्लोर मिल प्राइवेट लिमिटेड के लिए आवंटित किया। जिसका क्षेत्रफल 18929.12 वर्ग मीटर है। इसके बराबर में रास्ता है। जिससे अल्लीपुर भूड़ व फाजलपुर के किसानों के खेत जुड़े हैं। उद्यमी के भूखंड के लिए यूपीसीडा किसानों का रास्ता बंद कराना चाहता था। उसके अधिकारी कहते थे कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में यहां पर रास्ता नहीं है। किसानों और उद्यमी का रास्ते का विवाद नहीं निपटा। इस कारण यूपीसीडा के अफसर बिना कब्जा दिलाए कई बार वापस लौट गए। शुक्रवार को यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक बरेली मंसूर कटियार मौके पर आए। उन्होंने नायब तहसीलदार राजपाल गंगवार को बुला लिया। उनके साथ दो पटवारी भी आए। पालिका की तरफ से आदेश अग्रवाल व ललित कुमार भी पहुंच गए। जैसे ही यूपीसीडा ने
उद्यमी के भूखंड के बराबर वाले रास्ते को बंद कराने का प्रयास किया, जानकारी मिलते ही किसान पहुंच गए। उन्होंने यह तर्क देते हुए विरोध किया कि पहले उनको यह बता दिया जाए कि किसान अपने खेतों के लिए कहां से जाएंगे। किसानों के इस तर्क पर यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक मंसूर कटियार व नायब तहसीलदार ने कुछ बात करने का समय मांगा। थोड़ी देर तक दोनों के बीच वाता हुई। विवाद पर विराम लगाने के लिए क्षेत्रीय प्रबंधक ने उद्यमी से किसानों के आवागमन के लिए 14 फीट चौड़ा रास्ता छोड़ने के लिए कहा। जिस पर वह सहमत हाे गए। इस पर दोनों ने किसानों से बात की। कुछ किसानों ने 14 फीट चौड़ा रास्ता कम बताया। जिस पर लाला गुर्जर उर्फ वीरेंद्र, धर्मवीर सिंह, करन सिंह, चंद्रपाल सिंह आदि किसानों की तरफ से उद्यमी के सामने यह मांग रखी कि उनके लिए एक फीट और छोड़ दिया जाए। जिस पर उद्यमी ने एक फीट चौड़ाई की जमीन और छोड़ दी। जिससे किसानों का रास्ता संकरा न रहे। नायब तहसीलदार राजपाल गंगवार ने बताया कि रास्ते का विवाद निपट गया है।
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