उत्तर प्रदेश में इस बार 15 करोड़ मतदाता है और इनमें से 32% युवा हैं । इन युवाओं मे लगभग 19 लाख ऐसे हैं जो 18 से 19 साल के बीच के हैं और पहली बार मतदान करने जा रहे हैं। इन आंकड़ों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में युवाओं के वोट का क्या महत्व होगा। उत्तर प्रदेश की राजनीति में युवा इस बार सबसे मजबूत कड़ी साबित होंगे ।अमर उजाला का चुनावी रथ सत्ता का संग्राम उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में पहुंचा जहां हमने युवाओं की नब्ज टटोली। युवाओं के बीच चुनावी मुद्दों में बेरोजगारी का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा था। सभी ने रोजगार को प्राथमिकता देते हुए सरकारों से रोजगार के अवसर बढ़ाने की अपील की।
15 करोड़ मतदाता,32% युवा
19 लाख 18 से 19 साल के बीच
भर्ती परीक्षाएं और पठन-पाठन के सुविधाओं पर भी युवाओं ने बेबाकी से अपना पक्ष रखा । विकास और कानून व्यवस्था पर भी युवाओं ने अपनी बात रखते हुए वर्तमान सरकार और पहले की सरकारों की तुलना की
90 फ़ीसदी युवाओं ने उत्तर प्रदेश चुनाव की लड़ाई अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच की बताइ और ज्यादातर युवाओं ने योगी आदित्यनाथ को बतौर मुख्यमंत्री पसंद भी किया।
इसमें कोई संदेह नहीं उत्तर प्रदेश चुनाव में युवाओं की भागीदारी सर्वोपरि होगी और लगभग सभी दल पहले इन्हें लुभाने की कोशिश में है इसलिए चाहे सपा हो या बीजेपी या फिर कांग्रेस सब ने अपनी चुनावी शुरुआत में युवाओं को ही प्राथमिकता दी है दी है। उत्तर प्रदेश के चुनाव में यही युवा सबसे बड़ा फैक्टर साबित होंगे क्योंकि साल 2017 में युवा वोटरों की संख्या 14.16 करोड़ थी जो इस बार बढ़कर 19.89 करोड़ हो गई है।
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