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40 बार कॉल करने के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस, छह घंटे तड़पकर घायल श्रमिक की मौत
कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उर्मिल मुख्य नहर के पास सोमवार की रात अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार मजदूर घायल हो गया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया। परिजनों ने बताया कि रेफर होने के बाद घायल को झांसी ले जाने के लिए 108 नंबर पर 40 बार से अधिक कॉल की लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। छह घंटे तक मजदूर अस्पताल में तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना था कि यदि समय से एंबुलेंस आ जाती तो जान बच सकती थी।
थाना श्रीनगर के अतरारमाफ गांव निवासी धीरज अहिरवार (33) मेहनत-मजदूरी करता था। वह जिला मुख्यालय स्थित पठा रोड के पास किराये के कमरे में रहता था। सोमवार की रात करीब आठ बजे वह बाइक से महोबा लौट रहा था। तभी हाईवे पर उर्मिल मुख्य नहर के पास महोबा की ओर से आ रहे अज्ञात वाहन ने बाइक में टक्कर मार दी। इससे वह सड़क पर उछलकर दूर जा गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया। हेलमेट न लगाए होने से उसके सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया। हालत नाजुक होने पर डॉक्टर ने रात करीब दस बजे उसे मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया। परिजन 108 पर कॉल करते रहे पर सहायता नहीं मिली। मंगलवार की भोर करीब चार बजे उसकी जिला अस्पताल में मौत हो गई।
मृतक के भाई विनोद व भांजे भोला ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। धीरज के घायल होने और झांसी रेफर किए जाने पर उन्होंने एंबुलेंस को 40 बार कॉल की लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। स्वास्थ्यकर्मियों से भी आरजू-मिन्नत की गई लेकिन किसी ने नहीं सुनी। परिजनों ने इलाज में भी लापरवाही का आरोप लगाया। बताया कि यदि समय से एंबुलेंंस मिल जाती तो धीरज की जान बच सकती थी। उधर, एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर दिनेश कुमार का कहना है कि मरीज को श्रीनगर से एंबुलेंंस से जिला अस्पताल लाया गया था। इसके बाद एंबुलेंस दूसरे केस में चली गई थी। हो सकता है इस कारण सुविधा न मिल पाई हो।
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