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VIDEO : Raebareli: जिले में दर्ज हैं 2884 वक्फ संपत्तियां, अमेठी के तिलोई तहसील क्षेत्र का ब्योरा भी यहीं दर्ज
वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में पेश किया गया। इस बिल के आने से सरगर्मी बढ़ गई है। अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय और वक्फ बोर्ड से जुड़े अधिकारी जहां आंकड़ों को दुरुस्त करने में जुटे हैं, वहां प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी मुस्तैदी से जिलेभर में नजर रखे हुए हैं। लगातार भ्रमण कर हालात का जायजा लिया जा रहा है। यहां पर 2884 वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, जिनमें अमेठी जिले के तिलोई तहसील क्षेत्र की वक्फ संपत्तियां भी शामिल हैं।
रायबरेली जिले में सात तहसीलें हुआ करती थीं, जिनमें सदर, सलोन, ऊंचाहार, डलमऊ, लालगंज, महराजगंज और तिलोई तहसील शामिल है। नया जिला बनने के बाद तिलोई तहसील को अमेठी में शामिल कर लिया गया, जबकि रायबरेली में सिर्फ छह तहसीलें बची हैं। इसके बावजूद तिलोई तहसील के वक्फ संपत्तियों के आंकड़ें अभी रायबरेली जिले में ही दर्ज दिखाए गए हैं। वक्फ संशोधन बिल के मद्देनजर वक्फ संपत्तियों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।
तहसील क्षेत्रवार ब्योरा निकालने के बाद अमेठी के तिलोई तहसील के अंतर्गत आने वाली वक्फ संपत्तियों का पता चल सकेगा। इसके लिए वक्फ से संबंधित अधिकारी तैयारी में जुटे हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी महिमा ने बताया कि जिले में 2884 वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, जिसमें तिलोई तहसील की वक्फ संपत्तियां भी शामिल हैं। सुन्नी वक्फ संपत्तियां 2852 तो शिया वक्फ संपत्तियां 32 हैं। तिलोई तहसील की संपत्तियां अलग करने के लिए सर्वे कराया जाएगा।
वक्फ संशोधन बिल पर तरह-तरह की चर्चाएं
वक्फ संपत्तियों को लेकर काफी समय से चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन वक्फ संशोधन बिल सदन में पेश होने के बाद से जनता के बीच चर्चाएं ज्यादा होने लगी है। इस मुद्दे पर बहस भी हो रही है। हर कोई अपनी-अपनी दलील दे रहा है, लेकिन कोई खुलकर बोलने नहीं बोल रहा है। इतना कह रहा है कि वक्फ संशोधन बिल के सारे पहलुओं को समझने के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है।
वक्फ मीर वाजिद अली खाली सहाट के मुतवल्ली मीसम नकवी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं हुई है। जिस तरह की बातें अब तक सामने आई हैं, उससे अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अगर यह बिल मुस्लिमों और वक्फ संपत्तियों के हित में है तो ठीक है।
अगर वक्फ संपत्तियों या मुसलमानों को नुकसान होता है तो पुरजोर तरीके से आवाज उठाई जाएगी। हाफिज व कारी मेराज अहमद ने कहा कि मुस्लिमों के रोजगार, उनकी शिक्षा और सहायता के बारे में सोचा जाना चाहिए। मुल्क की बेहतरी के लिए काम किया जाना चाहिए।
वक्फ संपत्तियों को लेकर जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, वह ठीक नहीं है। मदरसा प्रबंधक हाफिज अनीस कुरैशी ने कहा कि जिस तरह की मुश्किलें मुसलमानों के सामने पैदा की जा रही है, वह उचित नहीं है। वक्फ संशोधन बिल से मुस्लिमों में आक्रोश है, अफसोस भी जता रहे हैं, लेकिन खामोशी भी अख्तियार किए हुए हैं।
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