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VIDEO: Raebareli: धारा मुड़ने से गहराई का नहीं लग सका था अंदाजा, नौ लोग हो गए थे हादसे का शिकार
अस्थि विसर्जन के दौरान गत रविवार को गंगा नदी में डूबने से पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। छह लोगों को गोताखोरों की मदद से सुरक्षित बचा लिया गया था। इस हादसे की भयावह याद लोगों के जेहन में अभी भी बनी हुई है। रविवार को डलमऊ के संकट मोचन घाट के आगे अस्थि विसर्जन करने के दौरान नौ लोगों के साथ हादसा हुआ था। असल में सभी लोग गंगा की पहली धारा को छोड़कर दूसरी धारा के पास अस्थि विसर्जन करने गए थे। यहां पर पानी की गहराई का किसी को अंदाजा नहीं था। बताते हैं कि जिस जगह पर हादसा हुआ था। वहां पर गंगा की धारा टीले से टकराने के बाद भंवर बनाती है और इसी कारण करीब 50 मीटर का हिस्सा बहुत गहरा हो गया है। इसके बाद पानी बहुत कम गहरा है। इसे नियति का खेल ही कहेंगे कि कम धारा की जगह उस जगह पर नौ लोग गए जहां पानी की गहराई के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी।
रविवार सुबह अमेठी जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के पालपुर गांव निवासी रामकिशोर (70) पिता की अस्थियों के विसर्जन के लिए परिवार को चंद्रमा कौशल (62), चंद्रकुमार कौशल (60), चंद्र प्रकाश (55), विधिचंद्र कौशल (45), बालचंद्र कौशल (42), धरमचंद्र कौशल (40), आयुष कौशल (19), अनिल कौशल (40), अक्षय कुमार उर्फ आर्यांस (12) के साथ डलमऊ के संकट मोचन घाट सुबह करीब 8.30 बजे पहुंचे थे। घाट पर मौजूद तीर्थ पुरोहित के कहने पर सभी लोग घाट से 400 मीटर आगे गंगा की दूसरी धारा के पास पहुंचे। इस के बाद सभी लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा और अस्थि विसर्जन के लिए आगे बढ़े। इसी दौरान धरमचंद्र कुमार कौशल गहरे पानी चले गए और देखते ही देखते अन्य आठ लोग पानी में डूब गए। इस पर अन्य को बचा लिया गया, लेकिन बालचंद कौशल, विधिचंद्र गहरे पानी में चले गए। इधर लोगों ने आर्यांस को पानी से बाहर निकाल लिया था, लेकिन नदी में डूब रहे पिता बालचंद को बचाने के लिए आर्यांस फिर से गंगा नदी की बीच धारा में कूद गया। इससे वह भी गहरे पानी में चला गया। किसी तरह विधि चंद्र को बचा लिया गया,लेकिन बालचंद्र, धरमचंद्र और आर्यांस की डूबकर मौत हो गई। इस घटना ने डलमऊ घाट आने वाले लोगों को हिलाकर रख दिया है।
सोमवार को घटनास्थल के पास किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई। रविवार को हादसे के बाद लोगों को बात पता चली कि यहां पर गंगा की गहराई बहुत अधिक है। आसपास रेत में खेती करने वाले किसानों ने बताया कि इस जगह पर लोग नहीं आते हैं। रविवार को क्यों तीर्थ पुरोहित उन लोगों को लेकर आए, यह समझ से परे है। जब गंगा की एक धारा उथली हुई है और लोग वहीं पर कर्मकांड कराते हैं तो फिर गहरी धारा के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी।
नगर पंचायत प्रशासन लगाएगा चेतावनी बोर्ड
जिस जगह हादसा हुआ है, उस जगह पर कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगा है। जबकि सभी को मालूम है कि यहां पर धारा गहरी है। नगर पंचायत प्रशासन ने भी कभी भी इस पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि हादसे के बाद अब नगर पंचायत प्रशासन यहां पर चेतावनी बोर्ड लगाने की व्यवस्था करेगा। साथ ही लोगों की मांग पर जल पुलिस की भी तैनाती की जाएगी। नगर पंचायत चेयरमैन बृजेश दत्त गौड़ का कहना है कि गंगा की दूसरी धारा घटनास्थल के पास से गुजरी है। पानी गहरा है और कोई हादसा न हो, इसके लिए वहां पर चेतावनी बोर्ड लगाया जाएगा। साथ ही लोगों को वहां पर स्नान करने और जाने से रोका जाएगा।
डलमऊ के एसडीएम फरीद अहमद खान का कहना है कि घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है। वहां पर धारा बहुत गहरी है। किसी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। घटनास्थल के आसपास की जगह को प्रतिबंधित किया जाएगा। किसी को वहां पर जाने की इजाजत नहीं होगी। साथ ही जल पुलिस की भी व्यवस्था हो, इसके लिए उच्चाधिकारियों को जानकारी दी जाएगी।
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