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VIDEO : निकाय चुनाव के बीच लोगों ने पाबंदी के खिलाफ भरी हुंकार, बोले- फाजलपुर महरौला में जमीनों की रजिस्ट्री पर हटाएं रोक
नगर निगम चुनाव के बीच वार्ड नंबर 25 फाजलपुर महरौला में जमीनों की रजिस्ट्री, दाखिल खारिज पर रोक का मुद्दा गरमा रहा है। लोगों ने पाबंदी के खिलाफ हुंकार भरी है और पाबंदी को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि हजारों परिवारों की आबादी से जुड़े मुद्दे पर प्रत्याशियों की चुप्पी निराशाजनक है। उन्होंने जल्द ही बड़ी बैठक बुलाकर सामूहिक निर्माण लेने की घोषणा की है। बुधवार को फाजलपुर महरौला में किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क के आवास के बाहर स्थानीय लोगों की बैठक हुई। इसमें चुनाव के दौरान जमीनों पर लगी रोक का मुद्दा नहीं उठाने पर हैरानी जताई गई। इस दौरान विर्क ने कहा कि फाजलपुर महरौला में 2017 से पहले से दाखिल खारिज, रजिस्ट्री और 143 पर प्रतिबंध है। इससे जमीन, मकान नहीं बिक पा रहे हैं और प्रनूपर्टी के रेट आधे हो गए हैं। अगर कोई व्यक्ति बीमार परिजनों की जान बचाने के लिए जमीन बेचना चाहे तो नहीं बेच सकता है। बच्चे की पढ़ाई के लिए लोन नहीं मिलता है। यहां के लोगों ने भाजपा के तीन विधायक, दो मेयर और तीन सांसद चुने हैं, लेकिन उनकी बिजली का कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं। एक हजार से अधिक लोगों को नोटिस दिए गए हैं। कहा कि वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एडीएम को सीलिंग को दोबारा रिव्यू के आदेश दिए थे। एडीएम ने 40 एकड़ जमीन को सरप्लस घोषित करते हुए कब्जा लिया था। 2017 में सरकार बदली तो अपने एडीएम के आदेश को कमिश्नर में अपील की और फैसले पर स्टे हो गया। दूसरा पक्ष हाईकोर्ट गया तो वहां से स्टे का आदेश हुआ था। कहा कि यहां 8,140 मतदाता हैं। सरकार की ओर से चार कॉलोनियां अधिकृत घोषित होने के बाद उनको सीलिंग मुक्त का सर्टिफिकेट मिल चुका था। उसके बाद भी जमीन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अब यहां के लोग एकमत होकर बड़ी बैठक बुलाकर फैसला करने वाले हैं। वहां पर गिरिराज शंकर पांडे, सद्दाम पाशा, गुरदर्शन सिंह, सुखदेव सिंह चीमा, गुरमीत सिंह ढिल्लो थे।
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