गोरखपुर में योगी को भगवा वेष में देख चौंक गए थे पिता, बोले- ये क्या हाल बनाया है, घर चलो
योगी आदित्यनाथ को पंचूर से गोरखपुर निकले छह महीने बीत गए थे, लेकिन उनके बारे में कोई सूचना नहीं थी। वह कौन सी नौकरी कर रहे हैं, किस हाल में हैं, घर पर कोई सूचना क्यों नहीं दे रहा है। यह सोचकर पिता परेशान हो गए। वह बेटे से संपर्क करना चाह रहे थे पर कैसे करें कोई संपर्क सूत्र नहीं मिल रहा था। वह इसी उधेड़ बुन में थे कि उनकी बड़ी बेटी पुष्पा जो शादी के बाद दिल्ली में बस गई थीं, उन्होंने योगी के बारे में पिता को एक महत्वपूर्ण सूचना दी। कहा कि आप गोरखनाथ मंदिर जाइए, सारी सूचना मिल जाएगी।
दरअसल, किसी ने पुष्पा को बताया था कि दिल्ली से छपने वाले किसी हिंदी अखबार में छोटी सी खबर प्रकाशित हुई है कि गोरखपुर के सांसद और गोरक्षपीठाधीश्वर ने दो महीने पहले अपने अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा कर दी है। वह योगी आदित्यनाथ हैं और पौड़ी के रहने वाले हैं। यह जानकर वह गोरखपुर के लिए चल दिए। गोरखपुर आए तो गोरखनाथ मंदिर पहुंचना कठिन नहीं था। वह जैसे ही मंदिर परिसर में पहुंचे देखा कि भगवा धारण किए सिर मुड़ाए एक युवा संन्यासी फर्श की सफाई का मुआयना कर रहा था।
अपने पिता को अचानक सामने देख वह भी हतप्रभ हो गए। भावनाओं पर काबू करते हुए उन्हें अपने साथ मंदिर स्थित कार्यालय ले गए। उस समय महंत अवेद्यनाथ बाहर थे, फोन पर उनसे संपर्क किया गया।
कुछ समय वहां व्यतीत करने के बाद पिता पंचूर लौट गए। जब वापस अपने गांव जाकर पत्नी को पूरी कहानी बताई तो मां का हृदय यह मानने को तैयार नहीं हुआ। वह गोरखपुर आने की जिद करने लगीं और एक दिन पति के साथ गोरखपुर आ गईं। यह कहानी योगी आदित्यनाथ की जीवन यात्रा पर लिखी किताब योद्धा योगी से लिया गया है, इसे प्रवीण कुमार ने लिखा है।
(गोरखपुर में मां से मिलकर क्या बोले योगी आदित्यनाथ? देखें भाग तीन में)
साभार- यह कहानी योगी आदित्यनाथ की जीवन यात्रा पर लिखी किताब योद्धा योगी से लिया गया है, इसे प्रवीण कुमार ने लिखा है।
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