एटा में प्रवासी पक्षियों को पटना पक्षी विहार की आवोहवा भा रही है। सर्दी शुरू होते ही कई प्रजाति के प्रवासी पक्षी यहां पहुंच गए हैं। शांत वातावरण और सुरक्षा पाकर उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। उनकी जरूरत के तौर पर आसपास के खेतों और वेटलैंड (आर्द्रभूमि) से भोजन भी भरपूर मिल रहा है। जलेसर क्षेत्र स्थित इस पक्षी विहार में नवंबर के शुरुआत से हर साल पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है। जो यहां सर्दियों भर डेरा डालते हैं।
कई पक्षी विहारों पर अध्ययन कर चुके पक्षी विशेषज्ञ विराग शर्मा बताते हैं कि इस बार कई प्रवासी पक्षी सबसे पहले पटना पक्षी विहार में देखे गए हैं। यूरोप की मलार्ड डक क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। वह बताते हैं कि पटना झील के आसपास बड़ी संख्या में खेत और सिंघाड़े की खेती वाले वेटलैंड हैं। जिनसे पक्षियों को अच्छा भोजन मिल जाता है।
कई पक्षी विहारों पर अध्ययन कर चुके पक्षी विशेषज्ञ विराग शर्मा बताते हैं कि इस बार कई प्रवासी पक्षी सबसे पहले पटना पक्षी विहार में देखे गए हैं। यूरोप की मलार्ड डक क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। वह बताते हैं कि पटना झील के आसपास बड़ी संख्या में खेत और सिंघाड़े की खेती वाले वेटलैंड हैं। जिनसे पक्षियों को अच्छा भोजन मिल जाता है।