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Prayagraj Flood : कछार के निचले इलाकों की बस्तियों में घुसा बाढ़ का पानी, राहत शिविर में बढ़ने लगी भीड़

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sun, 15 Sep 2024 02:55 PM IST
सार

पिछले 72 घंटों में गंगा-यमुना के जलस्तर में करीब छह मीटर बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे कछार के निचले इलाकों की बस्तियों में पानी घुस गया। बदरा-सोनौटी तथा आसपास के लोगों को निकालने के लिए चार नावें लगाई गईं हैं। करछना में भी नाव चलानी पड़ी हैं।

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Prayagraj Flood: Flood water entered the settlements in low-lying areas of Cachar
गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। - फोटो : अमर उजाला।

गंगा-यमुना के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी से बाढ़ की स्थिति बन गई है। बस्तियों में पानी घुसने से देर शाम छोटा बघाड़ा स्थित एनी बेसेंट स्कूल में बाढ़ पीड़ितों के आने का क्रम शुरू हो गया। झूूंसी के बदरा सोनौटी में पानी भर से दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। मुश्किल यह कि दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है।










 

पिछले 72 घंटों में गंगा-यमुना के जलस्तर में करीब छह मीटर बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे कछार के निचले इलाकों की बस्तियों में पानी घुस गया। बदरा-सोनौटी तथा आसपास के लोगों को निकालने के लिए चार नावें लगाई गईं हैं। करछना में भी नाव चलानी पड़ी हैं।

शहर के कछारी इलाके छोटा बघाड़ा, राजापुर, बेली, अशोक नगर के निचले इलाकों में भी पानी घुस गया है। दारागंज में नागवासुकि के पास स्थित बस्ती के कई घरों में शनिवार की शाम से पानी घुसने लगा। धीरे-धीरे निचले इलाके के अन्य मकान भी बाढ़ की चपेट में आ गए।

एनी बेसेंट राहत शिविर को शाम को खोल दिया गया। रात तक पांच परिवार उसमें रहने के लिए भी पहुंच गए। अभी पीछे पानी छोड़ा गया है। ऐसे में आगे भी जलस्तर में बढ़ोतरी का क्रम जारी रहने की बात कही जा रही है। इसे देखते हुए स्टैनली रोड में मेहबूब अली इंटर कॉलेज, राजापुर में ऋषिकुल, विवेकानंद विद्यालय समेत अन्य स्थानों पर राहत शिविर खोल दिए गए हैं।

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Prayagraj Flood: Flood water entered the settlements in low-lying areas of Cachar
गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। - फोटो : अमर उजाला।

बचाव दल सक्रिय

बाढ़ के मद्देनजर एनडीआरएफ एवं सीडीआरएफ की एक-एक टीम के अलावा जल पुलिस, पीएसी, निजी गोताखोरों की टीम लगाई गई है। नाविकों से भी तैयार रहने के लिए कहा गया है। एनडीआरएफ की टीम ने शनिवार को फाफामऊ में फंसे एक परिवार को राहत सामग्री भी पहुंचाई।

2016 में सितंबर में आई थी बाढ़

प्रयागराज में आमतौर पर अगस्त तक बाढ़ आ जाती थी। सितंबर में बाढ़ 2016 के बाद आई है। इसके बाद अब 2024 में सितंबर में बाढ़ आने से राहत शिविर खोलने पड़े हैं। सिंचाई विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2019 में 19 अगस्त, 2021 में सात अगस्त तथा 2022 को 19 अगस्त को बाढ़ आई थी और राहत शिविर खुले थे। हालांकि 2022 में तीन सितंबर तक बाढ़ का पानी टिका रहा।

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गंगा यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। - फोटो : अमर उजाला।

कंट्रोल रूम में सूचना देकर पा सकते हैं राहत

कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कंट्रोल रूम भी सक्रिय हो गया है। इसके फोन नंबर 0532-2641577 एवं 0532-2641578 पर बाढ़ से संबंधित सूचना दी और प्राप्त की जा सकती है। साथ ही राहत की भी मांग की जा सकती है।

Prayagraj Flood: Flood water entered the settlements in low-lying areas of Cachar
गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है। - फोटो : अमर उजाला।

चाचर नाले का स्लूज गेट भी बंद

नदियों में जलस्तर बढ़ने के बाद मोरी और बख्शी बांध गेट पहले ही बंद कर दिए। शनिवार देर रात चाचर नाले पर बने स्लूज गेट को भी बंद कर दिया गया। इसी के साथ तीनों गेट पर पानी निकासी के लिए पंप भी चालू कर दिए गए हैं।

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गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में पानी भर गया है। - फोटो : अमर उजाला।

बारिश नहीं होने से राहत

मौसम विभाग की ओर से 11 से 13 सितंबर के बीच तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। 11 सितंबर को बारिश भी हुई लेकिन इसके बाद मौसम अपेक्षाकृत साफ रहा। इससे बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत रही।

दोनों नदियों के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हुई। बढ़ोतरी का ट्रेंड अभी बना रहेगा। इसे देखते हुए पूरी तैयारी की गई है। राहत शिविर खोल दिए गए हैं। एक शिविर में कुछ परिवार पहुंचे हैं। एनडीआरएफ एवं सीडीआरएफ की टीम सक्रिय है। अन्य इंतजाम भी किए गए हैं। - विनय कुमार सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व

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