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यूपी में आसमान से बरसी आफत, मूसलाधार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त, देखें तस्वीरें
यूपी डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 18 Sep 2019 09:02 PM IST
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मूसलाधार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
- फोटो : अमर उजाला

बीते चार दिनों में हुई करीब 40 मिमी से अधिक बारिश ने कानपुर और इसके आसपास का मौसम ही बदल दिया। उमस और गर्मी छू मंतर हो गई। बुधवार को सुबह से लेकर शाम तक ऐसा महसूस हुआ कि मानो सर्दी का मौसम आ गया हो। कूलर और एसी बंद करने पड़े। अधिकतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस लुढ़ककर 28 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। भारी बारिश से कानपुर में जगह-जगह जलभराव हो गया। जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
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मूसलाधार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
- फोटो : अमर उजाला
मौसम विभाग के अनुसार यूपी के कानपुर, बांदा, हरदोई, महोबा, चित्रकूट, कन्नौज, फतेहपुर, जालौन, घाटमपुर, उन्नाव आदि शहरों में तीन दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने की उम्मीद है। 19 सितंबर को फिर से तेज बारिश होने की उम्मीद है। बुधवार को शहर के अधिकांश हिस्सों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश रिकार्ड की गई।
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मूसलाधार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
- फोटो : अमर उजाला
कुल 15.2 मिमी बारिश हुई। इस महीने में अब तक 71.1 मिमी बारिश हो चुकी है। फिर भी पिछले वर्ष से इस बार बारिश का आंकड़ा अभी भी काफी पीछे है। सीएसए के मौसम विभाग के निदेशक नौशाद खान ने बताया कि शुक्रवार तक मौसम इसी तरह रहने की उम्मीद है।

मूसलाधार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
- फोटो : अमर उजाला
पूरब से बादल आएंगे, टिककर जाएंगे
इस बार सावन और भादो में जो नहीं हो पाया वह क्वार के महीने ने कर दिया। क्वार में इस समय पूर्वा नक्षत्र चल रहा है। वर्षा आंकलन के हिसाब से पूर्वा नक्षत्र में स्थिर बारिश होती है। कहावत है कि ‘पूर्वा में पूरब की तरफ से बादल आएंगे और टिककर जाएंगे’। शास्त्रों के अनुसार यह वर्षा काल का आखिरी नक्षत्र होता है। इस नक्षत्र की बारिश से पितरों का तर्पण भी होता है। पंडित दीपक पांडेय के अनुसार इसके बाद उत्तरा नक्षत्र आता है, जिसमें उत्तर दिशा से हवाएं चलती हैं, और हल्की बारिश भी संभव होती है।
इस बार सावन और भादो में जो नहीं हो पाया वह क्वार के महीने ने कर दिया। क्वार में इस समय पूर्वा नक्षत्र चल रहा है। वर्षा आंकलन के हिसाब से पूर्वा नक्षत्र में स्थिर बारिश होती है। कहावत है कि ‘पूर्वा में पूरब की तरफ से बादल आएंगे और टिककर जाएंगे’। शास्त्रों के अनुसार यह वर्षा काल का आखिरी नक्षत्र होता है। इस नक्षत्र की बारिश से पितरों का तर्पण भी होता है। पंडित दीपक पांडेय के अनुसार इसके बाद उत्तरा नक्षत्र आता है, जिसमें उत्तर दिशा से हवाएं चलती हैं, और हल्की बारिश भी संभव होती है।
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मूसलाधार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
- फोटो : अमर उजाला
तापमान
अधिकतम 28 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम 25.2 डिग्री सेल्सियस
आर्द्रता
अधिकतम- 89 प्रतिशत
न्यूनतम- 93 प्रतिशत
सितंबर में बारिश (मिमी में)
- 2017 में 38.3
- 2018 में 143.8
- 2019 में 71.1
अधिकतम 28 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम 25.2 डिग्री सेल्सियस
आर्द्रता
अधिकतम- 89 प्रतिशत
न्यूनतम- 93 प्रतिशत
सितंबर में बारिश (मिमी में)
- 2017 में 38.3
- 2018 में 143.8
- 2019 में 71.1