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भाजपा सरकार में विकास ने थाने के अंदर राज्यमंत्री को मारी थी छह गोलियां, हत्या हुई पर किसी ने नहीं देखा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Sat, 04 Jul 2020 07:00 PM IST
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कुख्यात अपराधी विकास दुबे, पूर्व दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला (फाइल फोटो)
- फोटो : amar ujala
विकास दुबे का खौफ कुछ ऐसा था कि उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में शिवली कोतवाली के अंदर 12 अक्तूबर 2001 को प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री (श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन) संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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पूर्व सांसद राजा राम पाल के साथ विकास दुबे
- फोटो : amar ujala
इसमें विकास दुबे को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया था। बाद में अदालत में पुलिसकर्मी और अन्य गवाह मुकर गए थे। उन्होंने अदालत में कहा था कि संतोष शुक्ला की हत्या करते उन्होंने विकास दुबे को नहीं देखा।
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विकास दुबे (काले कोट में)
- फोटो : amar ujala
साक्ष्यों के अभाव में 2005 में अदालत ने विकास दुबे को दोषमुक्त करार दिया था। राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की शिवली कोतवाली के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें चौबेपुर के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे को आरोपी बनाया गया था। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में विकास दुबे का नाम चर्चा में आ गया था। घटना की सुनवाई जिला जज की अदालत में चल रही थी। तब कानपुर देहात की अदालत कानपुर नगर में ही थी।
विकास दुबे
- फोटो : amar ujala
वर्ष 2000 में ताराचंद्र इंटर कालेज के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सिद्धेश्वर पांडेय की जमीन के विवाद में गोली मार हत्या कर दी गई थी। इसमें विकास दुबे को नामजद किया गया था। गवाहों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने विकास दुबे को उम्र कैद की सजा सनाई थी। वह हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर था।
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मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद
- फोटो : amar ujala
वर्ष 2002 में शिवली के पूर्व चेयरमैन लल्लन बाजपेई के घर पर साथियों के साथ मिलकर विकास ने बमों से हमला किया था। इसमें कौशल किशोर तिवारी व श्रीकृष्ण मिश्र मारे गए थे। इस घटना में विकास दुबे समेत 12 लोग नामजद हुए थे। इस मामले की सुनवाई अदालत में विचाराधीन है।
