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स्कूल फीस बनी मौत का कारण: बेटी का शव देख सदमे से बिगड़ी माता-पिता की हालत, अर्थी को कंधा भी न दे सका

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: प्रभापुंज मिश्रा Updated Sat, 07 Aug 2021 02:31 AM IST
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School fees became the cause of death the girl student in unnao
बेटी की मौत से बिगड़ी माता पिता की हालत - फोटो : amar ujala

मुफलिसी में जीवन बिताकर बेटी को अफसर बनाने का एक पिता का सपना गुरुवार को उसकी मौत के साथ टूट गया। मन्नतों के बाद जन्मी बेटी का शव देख पिता को इतना गहरा सदमा लगा कि हालत बिगड़ने से वह उसकी अर्थी को कंधा भी न दे सका। बेटी के गम में मां भी बेहोश हो गई। शुक्रवार को दोनों का एक क्लीनिक में इलाज कराया गया। अन्य परिजनों ने परियर घाट में उसका अंतिम संस्कार किया। फीस के लिए प्रधानाचार्य की फटकार से आहत होकर जान देने वाली 15 वर्षीय छात्रा स्मृति अवस्थी की मौत पर हर कोई स्तब्ध है। स्मृति अपने पिता की इकलौती संतान थी। शादी के कई साल बाद तक सुशील को संतान सुख नहीं मिला। पत्नी रेनू के साथ वह धार्मिक स्थलों पर माथा टेकता और मन्नतें करता रहा। बेटी स्मृति का जन्म हुआ तो उसे बेटे के तरह ही अच्छी परवरिश करने के लिए पिता जीतोड़ मेहनत करने लगा।

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मौके पर मौजूद पुलिस - फोटो : amar ujala

17 वर्ष पहले सुशील पत्नी के साथ पैतृक गांव माखी के भदियार गांव से शहर आ गया। पहले शुक्लागंज में किराये का कमरा लेकर रहा। फिर शहर के आदर्श नगर में 1600 रुपये में किराये का कमरा लेकर पत्नी व बेटी के साथ रहने लगा। पहले शराब मिल में नौकरी की। मौजूदा समय में हिरन नगर स्थित तंबाकू फैक्टरी में छह हजार रुपये में नौकरी करने लगा। स्मृति को पढ़ा लिखाकर अफसर बनाने का सपना लेकर सुशील बेटी को अच्छी शिक्षा भी दिलाने लगा। पढ़ाई में तेज होने और 10वीं कक्षा में स्मृति के पहुंचने पर पिता सुशील के सपनों को पंख लगने शुरू हो गए थे।

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मृतक छात्रा और बदहवास मां - फोटो : amar ujala

अचानक गुरुवार को स्कूल में फटकार से दुखी स्मृति द्वारा खुदकुशी करने से उसके सपने टूट गए। बेटी की मौत से उसे व रेनू को गहरा सदमा लगा। अंतिम संस्कार के लिए जैसे ही गांव वाले घर से शव ले जाने लगे सुशील व रेनू बेहोश हो गए। हालत बिगड़ने से पिता बेटी की अर्थी को कंधा भी न दे सका। माता-पिता को परिजनों ने रसूलाबाद स्थित एक क्लीनिक में भर्ती कराया। परिजनों ने पुलिस की मौजूदगी में परियर घाट में शव का अंतिम संस्कार किया।

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बेहोश मां - फोटो : amar ujala

पिता की बेबसी सहन न कर सकी 
स्कूल में फीस के लिए डांट और पिता की बेबसी ने स्मृति को इतना आहत कर दिया कि उसने जान तक दे दी। चाचा रमेश ने बताया कि स्मृति काफी सीधे स्वभाव की थी। घर-परिवार में भी कोई कुछ कह देता था तो वह दुखी हो जाती थी। परिजनों का मानना है कि फीस के लिए पड़ रहे दबाव और पिता की बेबसी से आहत होकर स्मृति ने यह कदम उठा लिया।

होश आने पर तड़प उठते दंपती 
बेटी की मौत से सुशील व रेनू को इतना गहरा सदमा लगा है कि दोनों रो-रोेकर बेहोश हो रहे हैं। होश आने पर पिता बार-बार यही कहता है कि स्मृति का चेहरा आंखों के सामने घूम रहा है। कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपनी बेटी को इतनी जल्दी खो देगा। स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा किए गए दुर्व्यवहार ने बेटी की जान ले ली। 

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बेटी की अर्थी को कांधा भी नहीं दे सका पिता - फोटो : amar ujala

सीओ व कोतवाल ने की जांच 
प्रधानाचार्य सतेंद्र शुक्ला पर छात्रा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शुक्रवार को सीओ सिटी कृपाशंकर व सदर कोतवाल अनिल सिंह एबीनगर स्थित स्कूल पहुंचे। कोतवाल ने बताया कि स्कूल में मौजूद प्रधानाचार्य समेत अन्य स्टॉफ के लोगों से जानकारी ली गई। प्रधानाचार्य ने बताया कि छात्रा की मां ने दो हजार रुपये बुधवार को जमा कर दिए थे।

दो हजार रुपये बाद में जमा करने की बात कही थी। दो हजार की दी गई स्लिप का शेष भाग भी उन्होंने पुलिस को दिखाया। उन्होंने छात्रा को फटकार कर भगाने के लगे आरोप को निराधार बताया। एक घंटे जांच के बाद पुलिस लौट आई। एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि घटना से जुड़े सभी तथ्यों पर जांच की जा रही है। 

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