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वंदे भारत का सफर करने वाले यात्रियों में खुशी, अगर ये गलती की तो निकल न पाओगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Mon, 18 Feb 2019 08:20 AM IST
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वंदे भारत
- फोटो : अमर उजाला
नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन-18) रविवार को पहली बार नई दिल्ली से यात्रियों को लेकर कानपुर सेंट्रल पहुंची। कोहरे की वजह से एक घंटा 10 मिनट की देरी से पहुंची इस ट्रेन के यात्रियों की पहली प्रतिक्रिया कानपुर सेंट्रल पर जानने को मिली। ट्रेन में मिली सुविधाओं और बेहतरीन नाश्ते से गदगद यात्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। यह ट्रेन सुबह 10:18 के बजाय सुबह 11:28 बजे सेंट्रल स्टेशन पहुंची और दो मिनट ठहराव के बजाय सात मिनट बाद सुबह 11:35 बजे वाराणसी के लिए रवाना हुई।
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वंदे भारत
- फोटो : अमर उजाला
ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है ट्रेन में इस्तेमाल की गई बिजली का 25 प्रतिशत रीजनरेट होता है। इस बिजली से ही ट्रेन की लाइट, एसी और दूसरे विद्युत उपकरण जलते हैं। इसका एक्सीलेटर और ब्रेकिंग सिस्टम बेहतर है। छूटने के बाद तेजी से स्पीड पकड़ती है और ब्रेक भी दूसरी प्रीमियम ट्रेनों से जल्दी लगती है। दादरी से मितावली तक कोहरा पड़ने की वजह से एक घंटे की देरी हुई।
- घनश्याम तिवारी, लोको पायलट, ट्रेन-18
- घनश्याम तिवारी, लोको पायलट, ट्रेन-18
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वंदे भारत
- फोटो : अमर उजाला
कोहरे की वजह से ट्रेन को गाजियाबाद-टूंडला सेक्शन में धीमी गति से लाना पड़ा। बीच में करीब 60 की स्पीड भी हुई। इसके आगे 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चली। कोहरा और बारिश न होती तो ट्रेन समय पर सेंट्रल पहुंचती। इस ट्रेन में जनरेटर यान न होने की वजह से आवाज नहीं है, इससे यात्रियों को सुकून भी मिलता है।
- आरडी प्रसाद, लोको पायलट- ट्रेन-18
- आरडी प्रसाद, लोको पायलट- ट्रेन-18
वंदे भारत
- फोटो : अमर उजाला
यात्रियों को लेकर पहली बार नई दिल्ली से आई इस ट्रेन-18 को बनाने वाली इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई के प्रधान मुख्य यांत्रिक अभियंता (पीसीएमई) शुभ्रांशु भी सुबह साढ़े नौ बजे कानपुर सेंट्रल पहुंचे और ट्रेन-18 के ड्राइवर केबिन में बैठकर वाराणसी तक गए। ट्रेन की अगुवानी करने को कानपुर सेंट्रल स्टेशन के निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार, मैकेनिकल विभाग के डिपो इंचार्ज राहुल चौधरी समेत दूसरे अफसर भी मौजूद रहे।
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वंदे भारत
- फोटो : अमर उजाला
यात्रियों में इस ट्रेन के सामने सेल्फी लेने का क्रेज भी कानपुर सेंट्रल पर देखने को मिला। ट्रेन के सामने सेल्फी लेने और आती ट्रेन का वीडियो बनाने का क्रेज युवाओं में दिखा। ट्रेन के भीतर यात्री न चढ़ें, इसका एनाउंस सेंट्रल पर होता रहा। दरअसल, ट्रेन के भीतर चढ़ने पर ऑटोमेटिक गेट बंद होने पर बिना ट्रेन रुके नहीं उतर नहीं सकते। ट्रेन स्टाफ के थंब इंप्रेशन से ही गेट खुलता है।