पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी फैक्टरी पर सील लगाने के विरोध में हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। वहीं मामले को गंभीरता से देखने के लिए खुद एमडीए सचिव चंद्रपाल तिवारी प्रयागराज पहुंचे हैं, जिससे एमडीए मजबूती से अपना पक्ष रख सके। इसके अलावा शासन द्वारा याकूब की फैक्टरी के भू-उपयोग आवेदन निरस्त करने के मामले को भी याचिका में जोड़ा गया है। याकूब ने 10 हेक्टेयर की सार्वजनिक सुविधाओं वाली जमीन का भू-उपयोग बदलने के लिए आवेदन किया था।
एमडीए ने हापुड़ रोड स्थित अलफहीम मीटैक्स प्राइवेट लिमिटेड पर सील लगाई थी। एमडीए का कहना था कि 2019 में हाईकोर्ट ने सिर्फ फैक्टरी की सील खोलने का ऑर्डर दिया था न कि संचालन करने का, जबकि फैक्टरी में मीट पैकेजिंग की जा रही थी। इसी आधार पर एमडीए ने कार्रवाई की। अधिकारियों का कहना है कि इस बार याकूब मामले में वरिष्ठ वकील के पैनल को शामिल किया गया है। जिससे किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही न हो सके। शासन की ओर से भी लगातार इस मामले पर अपडेट लिया जा रहा है। इसी को देखते हुए याचिका की तिथि पर एमडीए के अधिकारी खुद प्रयागराज जाकर शामिल हो रहे हैं।
एमडीए ने हापुड़ रोड स्थित अलफहीम मीटैक्स प्राइवेट लिमिटेड पर सील लगाई थी। एमडीए का कहना था कि 2019 में हाईकोर्ट ने सिर्फ फैक्टरी की सील खोलने का ऑर्डर दिया था न कि संचालन करने का, जबकि फैक्टरी में मीट पैकेजिंग की जा रही थी। इसी आधार पर एमडीए ने कार्रवाई की। अधिकारियों का कहना है कि इस बार याकूब मामले में वरिष्ठ वकील के पैनल को शामिल किया गया है। जिससे किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही न हो सके। शासन की ओर से भी लगातार इस मामले पर अपडेट लिया जा रहा है। इसी को देखते हुए याचिका की तिथि पर एमडीए के अधिकारी खुद प्रयागराज जाकर शामिल हो रहे हैं।